10 नवंबर को आरक्षण ड्रॉ, (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nagpur municipal Corporation: नागपुर मनपा चुनाव को लेकर जहां एक ओर मतदाता सूची को सटिक बनाने की दिशा में मनपा प्रशासन जुटा हुआ है, वहीं अब राज्य चुनाव आयोग की ओर से प्रभागों में महिला और ओबीसी के आरक्षण के लिए लॉटरी निकालने के लिए दिशा निर्देश जारी किए। राज्य चुनाव आयोग की ओर से जारी दिशा निर्देशों के अनुसार प्रभागों के आरक्षण की लॉटरी निकालने के लिए 8 नवंबर को समाचार पत्रों में जाहिर सूचना घोषित की जानी है।
जबकि आरक्षण की लॉटरी निकालकर 11 नवंबर तक राज्य चुनाव आयोग की मान्यता प्राप्त करने की भी हिदायतें दी गई है। अत: 10 नवंबर को आरक्षण की लाटरी होने की संभावना सूत्रों ने जताई। राज्य चुनाव आयोग के सचिव सुरेश काकाणी द्वारा सोमवार को आरक्षण को अंतिम रूप देने के लिए विस्तृत समय सारणी घोषित की गई। विशेषत: सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए शुरू की गई स्थानीय स्वराज्य संस्थाओँ के चुनाव संबंधित कार्यवाही को 31 जनवरी 2026 तक पूरा करना अनिवार्य है।
चुनाव आयोग की ओर से जारी की गई समयसारिणी के अनुसार 2 दिसंबर 2025 तक आरक्षण की प्रक्रिया पूरी कर इसे राजपत्र में भी घोषित किया जाना है। जिसके लिए 30 अक्टूबर से 4 नवंबर के बीच आरक्षित की जानेवाली सीटों की संख्या निश्चित कर राज्य चुनाव आयोग की मान्यता के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करना होगा। 8 नवंबर को आरक्षण लॉटरी की सूचना समाचार पत्रों में घोषित करना होगा।
11 नवंबर को लाटरी के परिणाम मान्यता के लिए चुनाव आयोग के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। 17 नवंबर को प्रारूप आरक्षण और उन पर आपत्तियां और सूझाव मंगाने के लिए सूचना जारी करना होगा। 24 नवंबर तक आपत्तियां और सुझाव दिए जा सकेंगे। 25 नवंबर से 1 दिसंबर के बीच आपत्तियों पर सुनवाई के बाद निर्णय लिया जाएगा। जिसके बाद 2 दिसंबर को आरक्षण फाइनल किया जाएगा।
जानकारों के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के चलते ओबीसी के आरक्षण को हरी झंडी दिए जाने के बाद अब चुनाव की प्रक्रिया पूरी करने में किसी तरह की अडचने नहीं रही है। यहां तक कि उपराजधानी में 8 दिसंबर से होने जा रहे शीतसत्र के पूर्व आरक्षण की प्रक्रिया भी पूरी होनी है।
ऐसे में शीतसत्र समाप्त होते ही वास्तविक चुनाव की तारीखों का एलान होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। राजनीतिक जानकारों की माने तो चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने 26 जनवरी 2026 की डेडलाइन तय कर ली है। ऐसे में अब हर हाल में राज्य चुनाव आयोग को यह प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इसे देखते हुए दिसंबर के अंतिम सप्ताह में आचार संहिता लगने के भी आसार है।
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