सुनील तटकरे (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Maharashtra Politics: रायगढ़ जिले में पालक मंत्री के पद को लेकर उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना के नेता भरत गोगावले तथा अजीत पवार की राकां के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे के बीच घमासान चल रहा है. इस दौरान शिंदे गुट के विधायक महेंद्र थोरवे भी समय-समय पर तटकरे पर निशाना साधते रहे हैं. इसी पृष्ठभूमि में तटकरे ने शिंदे गुट को चेतावनी देते हुए कहा है कि कब, किसका और कैसे हिसाब चुकता करना है, ये हम ये जानते हैं.
भरत गोगावले, रायगढ़ जिले का पालकमंत्री बनना चाहते हैं लेकिन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राकां (अजीत पवार) की मंत्री अदिति तटकरे को पालक मंत्री घोषित कर दिया था. हालांकि उप मुख्य़मंत्री शिंदे के विरोध दर्ज कराने के बाद सीएम देवेंद्र ने अदिति के पालकमंत्री की नियुक्ति पर रोक लगा दी थी. लेकिन रायगढ़ का पालक मंत्री पद गोगावले को फिर भी नहीं मिला.
बल्कि 1 मई (महाराष्ट्र दिवस) और 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) के दिन जिला मुख्यालय पर ध्वजारोहण का अधिकार अदिति को मिल गया. इस वजह से गोगावले अक्सर तटकरे पर आक्रोश व्यक्त करते रहते हैं. तो वहीं गोगावले समर्थक विधायक थोरवे भी कई बार तटकरे के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए हमला बोलते रहे हैं. इसलिए सुनील तटकरे ने विधायक थोरवे को सीधे तौर पर चेतावनी देते हुए कहा है कि उन्हें अच्छी तरह पता है कि कब किसका हिसाब चुकता करना है.
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तटकरे ने सभी कार्यकर्ता से पूरी ताकत से काम में जुटने की अपील करते हुए कहा कि आप शांत रहें और सब मुझ पर छोड़ दें. उन्होंने कहा कि हम शांति से देखते हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि हम असहाय हैं. हमें अपनी ताकत और अपने अधिकार पता हैं. इतना तो हम पक्के तौर पर जानते हैं कि कब किसका हिसाब चुकता करना है.. इसलिए मैं आप लोग बिल्कुल भी चिंता न करें.