गड़चिरोल में नागपुर करार की प्रतियां जलाते विदर्भ राज्य आंदोलन समिति के सदस्य (फोटो नवभारत)
Independent Vidarbha Demand News: विदर्भ राज्य आंदोलन समिति ने रविवार को गड़चिरोली जिले में विभिन्न जगह पर नागपुर करार का दहन करते हुए स्वतंत्र विदर्भ की मांग बुलंद की। इस दौरान विदर्भवासियों ने विभिन्न घोषणाएं दी।
विदर्भवासियों ने स्वतंत्र विदर्भ के लिए पेरमिली के मुख्य चौक में नागपुर करार का दहन किया। इस समय नागपुर करार की 11 शर्तें पढ़कर सुनाई गई। 28 सितंबर 1953 को हुआ यह करार पूर्णतः घटनाबाह्य है।
इसमें से 11 शर्तों में से एक भी शर्तों की अब तक पूर्ति नहीं हुई। ऐसा आरोप करते हुए जनता के लिए यह करार अन्यायकारक होने का आरोप किया। इससे विदर्भ की अधोगति होने का दावा किया।
आंदोलन में युवा व नाग विदर्भ आघाड़ी के डॉ. नागसेन मेश्राम, उमाजी गोवर्धन, विलास टापलवार, नामदेव पेंदाम, शंकर चालूरकर, विष्णु रापल्लीवार, प्रफुल ढोंगे, आत्माराम कोंडागुर्ले, सुधीर मंडल आदि उपस्थित थे।
नागपुर करार के अनुसार नोकरियां, विकास के निधि, मंत्रिमंडल में विदर्भ को 33 प्रश हिस्सा नहीं होने से विदर्भ का शोषण शुरू है। इस पर अमल स्वतंत्र विदर्भ के बगैर संभव नहीं है। जिससे आलापल्ली के राजे विश्वेश्वराव चौक में नागपुर करार का दहन किया गया।
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इस समय अकेडमी के युवा विद्यार्थी, सेवानिवृत्त प्राचार्य नागसेण मेश्राम, विलास रापर्तीवार, छत्रपति गोवर्धन, प्रकाश गुडेलीवार, रवि भांदककार, कवीश्वर गोवर्धन, सत्यनारायण गुप्ता, शिक्षक व ग्रामीण उपस्थित थे।
कुरखेड़ा तहसील के खेड़ेगांव (राणी) में विदर्भ राज्य आंदोलन समिति की ओर से जिलाध्यक्ष राजेंद्रसिंह ठाकुर के नेतृत्व में नागपुर करार का दहन किया गया। इस आंदोलन में जिला उपाध्यक्ष घिसूजी खुणे, कुरखेड़ा तहसील अध्यक्ष रामचंद्र रोकडे, रामचंद्र कोडाप, राजीराम पात्रिकर, दादाजी खरवडे समेत आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे।