तेलंगाना में अतिवृष्टि-सिरोंचा में बाढ़ का खतरा (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Sironcha Tehsil: तेलंगाना राज्य के श्रीरामसागर जलाशय से करीब 13 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा और वर्तमान में 10 लाख क्यूसेक पानी का विसर्ग शुरू है। यह पानी आगामी समय में गड़चिरोली जिले के सिरोंचा तहसील में पहुंचने की संभावना होकर यहां के नदी तट पर बसे गांवों पर बाढ़ की स्थिति का खतरा निर्माण हो सकता है। इसके मद्देनजर जिलाधीश अविश्यांत पंडा ने तत्काल जायजा बैठक लेकर सिरोंचा तहसील के विभागों को नदी तट के नागरिकों का स्थलांतरण अथवा आवश्यकता अनुसार शेल्टर होम में रखने और स्वास्थ्य सुविधा व एसडीआरएफ पथक तैनात रखने आदि समेत इस संदर्भ में सभी विभागों को निर्देश दिया है।
जिलाधीश पंडा की अध्यक्षता में सोमवार को जायजा बैठक ली गई। इस समय अपर जिलाधिकारी नितिन गावंडे, निवासी उपजिलाधिकारी सुनील सूर्यवंशी, जिला आपदा व्यवस्थापन अधिकारी नीलेश तेलतुंबडे उपस्थित थे। वहीं ऑनलाइन जिले के सभी उपविभागीय अधिकारी, तहसीलदार और संबंधित विभाग के अधिकारी शामिल हुए थे। जिलाधीश ने कहा कि श्रीराम सागर प्रकल्प से बड़े पैमाने पर पानी छोड़े जाने से सिरोंचा तहसील के नदी तट के गांव खतरे की सीमा में आ सकते है। जिससे सरकारी विभाग सतर्कता बरतकर महत्वपूर्ण उपाययोजना तत्काल करने का निर्देश उन्होंने दिया।
नदी तट पर रहने वाले नागरिकों को ढिंढोरा पीटकर सतर्क रहने और आवश्यकता अनुसार उन्हें सुरक्षित स्थल पर स्थलांतरित करने का आदेश तहसीलदार को दिया है। इसके लिए राजस्व, पुलिस व वनविभाग समन्वय रखे, ऐसा निर्देश भी उन्होंने दिया।
आपत्कालीन स्थिति का सामना करने के लिए एसडीआरएफ पथक सिरोंचा तहसील में तैनात करने का आदेश उन्होंने दिया। वहीं भामरागड़ तहसील स्थित पथक को सिरोंचा तहसील मुख्यालय में भिजवाने की बात कही। पानी का विसर्ग रात के समय होने के कारण नागरिकों में भय अथवा असमंजस निर्माण न हो, इसलिए पुलिस विभाग इस पर बारीकी से नजर रख अफवाह पर नियंत्रण रखें, ऐसा स्पष्ट निर्देश जिलाधीश ने दिया।
बाढ स्थिति के बाद संसर्गजन्य बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। जिससे स्वास्थ्य विभाग ब्लीचिंग पाउडर और दवाइयों का भंडार उपलब्ध रखे। वहीं शेल्टर होम में स्वास्थ्य सुविधा तत्पर रखने का आदेश जिलाधीश ने दिया। जिलाधीश पंडा ने सभी विभागों को समन्वय से काम कर नागरिकों की जांच व मालमत्ता सुरक्षित रखने पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही।
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पिछले दो वर्षों से तेलंगाना-महाराष्ट्र सीमा पर स्थित मेडीगड्डा प्रकल्प के सभी दरवाजे खुले किये गये है। जिससे महाराष्ट्र, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ सीमा के निचले परिसर में पानी का प्रवाह अधिक है। श्रीराम सागर जलाशय का विसर्ग 14 लाख क्यूसेक से अधिक बढ़ने पर बाढ़ का संकट अधिक गंभीर होने का भय व्यक्त किया जा रहा है।
तेलंगाना राज्य के श्रीराम सागर जलाशय से बड़े पैमाने पर पानी छोड़े जाने के कारण गोदावरी नदी का जलस्तर बढ़ गया है। जिससे सिरोंचा तहसील के नदी तट के गांवों को सतर्कता बरतने की अपील की गई है। तहसील के अनेक ग्रामीण, दुर्गम परिसर के नाले उफान पर होने से इस परिसर का जनजीवन प्रभावित होकर अनेक मार्ग बंद होने के कगार पर है। सिरोंचा तहसील के मुत्तापुर नाले के ऊपर पानी बहने के कारण सुबह से ही मार्ग की यातायात प्रभावित हो गयी थी। इसी तरह अनेक परिसर के छोटे पुलियाओं से पानी बहने के कारण नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।