तालाब में डूबने से रजत मोहुर्ले व अस्तित्व मांदाडे की मौत
गड़चिरोली: गर्मी का मौसम आ गया है, शहर समेत ग्रामीण अंचलों में भीषण तपिश व गर्मी का दौर शुरू है। ऐसे में अनेक बच्चे, युवा जलाशयों में नहाने के लिए जाते है। ऐसे ही तालाब में नहाने के मोह में 2 बच्चों ने जान गंवा दी। घटना गड़चिरोली जिले के चामोर्शी तहसील के कुनघाडा रै. गांव में बुधवार को दोपहर 1 बजे के दौरान की बताई जा रही है।
तालाब में नहाते समय गहराई का अनुमान न होने के कारण 2 बच्चों की डूबने से मौत हो गई। मृतकों की पहचान मालेरमाल निवासी रजत संतोष मोहुर्ले (13) व अस्तित्व संदीप मांदाडे (12) के रूप में हुई है।
जानकारी के अनुसार रजत मोहुर्ले व अस्तित्व मांदाडे दोनों गांव के दोस्त है। रजत कुनघाड़ा के विश्वशांति विद्यालय में 7वीं कक्षा व अस्तित्व गांव की जिप स्कूल में 6वीं कक्षा का विद्यार्थी था। दोनों मित्र होने के कारण साथ में रहते थे। इन दिनों आम का सीजन शुरू होने से अनेक पेड़ों पर आम लटक रहे है। जिससे बच्चों को लटकते आम आकर्षित कर रहे है।
गड़चिरोली जिले के रजत व अस्तित्व दोनों बुधवार की दोपहर तालाब के पास आम के पेड़ों के पास गए थे। भीषण गर्मी का दौर शुरू होने से बच्चों में पानी में नहाने का आकर्षण रहता है। जिसके चलते दोनों बच्चे तालाब के पास गए और नहाने के उद्देश्य से दोनों तालाब में उतरे। लेकिन तालाब में पानी के गहराई का अनुमान नहीं होने के कारण दोनों डूब गए।
घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीण तालाब की और दौड़े आए। दोनों बच्चों को तालाब से बाहर निकालकर कुनघाड़ा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दाखिल किया गया। लेकिन दोनों को मृत घोषित किया गया। घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। चामोर्शी पुलिस घटनास्थल पर पहुंचकर मामले का पंचनामा किया, वहीं शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
तहसील के कुनघाड़ा के पास मालेरमाल गांव में बुधवार को तालाब में डूबने से 2 बालकों की मौत हो गई। घटना के चलते समुचे गांव में शौक की लहर व्याप्त है। रजत कुनघाडा रै. के विश्वशांति विद्यालय में शिक्षारत था। जिससे मालेरमाल गांव के साथ ही कुनघाडा रै। परिसर में भी शौक व्यक्त किया जा रहा है।
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मालेरमाल निवासी संतोष मोहुर्ले खेत मजदूर है। रजत उनका इकलौता पुत्र था। लेकिन बुधवार को गांव के पास तालाब पर नहाने के लिए गए रजत व उसके मित्र अस्तित्व मांदाले की डूबने के चलते मौत हो गई। जिससे मोहुर्ले परिवार पर दुखों का पहाड़ टुटा है। वहीं अस्तित्व मांदाडे के पिता किसानी करते है। मांदाडे परिवार दुखों में डूबा है।