प्रदर्शन करते स्वास्थ्य कामगार (फोटो नवभारत)
Gadchiroli Health Workers Protest: गड़चिरोली ओजोन कंपनी द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान अंतर्गत स्वास्थ्य जैसे संवेदनशील क्षेत्र में काम करने वाले विभिन्न संवर्ग के कामगारों को एक वर्ष की अवधि बीत जाने के बाद भी नियुक्ति आदेश ही नहीं दिया गया है।
जिला परिषद प्रशासन के इस अफलातुन कार्यप्रणाली के प्रति तीव्र रोष व्यक्त करते हुए वंचित बहुजन आघाड़ी के पूर्व विदर्भ समन्वयक बालु टेंभुर्णे के नेतृत्व में जिले के सैकड़ों कामगारों ने जिला परिषद कार्यालय पर मोर्चा निकाला और मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुहास गाडे को ज्ञापन सौंपकर संबंधित कामगारों का वाली कौन? ऐसा सवाल उपस्थित करते हुए कामगारों की मांगों का ज्ञापन सीईओं को सौंपा है।
इस समय वंचित बहुजन आघाड़ी के जेष्ठ नेता जीके बारसिंगे, कवडू दुधे, तुलशीराम हजारे, भोजराज रामटेके, विलास केलझरकर, राजू डेंगरे, संजय मेश्राम, अरविंद जेंगठे, सुभाष भोयर, जास्वंदा मेश्राम, सुक्ष्मा खोब्रागडे आदि समेत सैकड़ों कामगार उपस्थित थे।
जिप के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को सौंपे गये ज्ञापन में कहा गया कि स्वास्थ्य जैसे संवेदनशील क्षेत्र में जिले में सैकड़ों कामगार सेवा दे रहे है। लेकिन उनकी समस्याओं की ओर प्रशासन कंपनी के साथ मिलीभगत कर जानबुझकर अनदेखी कर रहा है, ऐसा आरोप वंचित के पदाधिकारियों ने लगाया है। कामगारों पर होने वाले अन्याय को दूर करने के लिए तत्काल नियुक्ति आदेश देने की मांग भी इस समय पदाधिकारियों ने की है।
आंदोलनकर्ताओं ने जिला परिषद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुहास गाडे के साथ कामगारों की समस्याओं को लेकर चर्चा की। इस समय सीईओ गाडे ने कहा कि कामगारों की सभी समस्याओं की जानकारी लेने और समस्याओं को हल करने के लिये एक सप्ताह की अवधि लगेगी। आने वाले सप्ताह में कामगारों की समस्याएं हल करने का आश्वासन सीईओ गाडे ने दिया है।
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आंदोलनकर्ता वंचित के पदाधिकारियों ने एक वर्ष की अवधि बीत जाने के बाद भी कामगारों की समस्याएं हल करने के लिए जिला परिषद प्रशासन द्वारा अनदेखी की जा रही है। कामगारों पर होने वाला अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं आगामी सप्ताह में समस्या हल नहीं होने पर आगामी सप्ताह में वंचित बहुजन आघाड़ी द्वारा तीव्र आंदोलन किया जाएगा, ऐसी चेतावनी भी आंदोलनकर्ता वंचित के पदाधिकारी और कामगारों ने दी है।