गड़चिरोली में जनआक्रोश मोर्चा में शामिल आदिवासी समाज के लोग (फोटो नवभारत)
Gadchiroli Tribal Protest: आदिवासी समाज के अधिकार, आरक्षण तथा अस्तित्व की रक्षा के लिए बुधवार को गड़चिरोली में आदिवासी समाज की ओर से भव्य जनआक्रोश मोर्चा निकाला गया। इस आंदोलन में हजारों की तादाद में आदिवासी समुदाय के नागरिक शामिल हुए थे। इस दौरान आरक्षण बचाओ के नारे लगाते हुए मोर्चे ने जिलाधिकारी कार्यालय पर दस्तक दी।
आदिवासी आरक्षण बचाव कृति समिति के बैनर तले 15 अक्टूबर को गड़चिरोली शहर के धानोरा मार्ग के शिवाजी महाविद्यालय से जिलाधिकारी कार्यालय पर मोर्चा आयोजित किया गया था। दोपहर के करीब 1 बजे सामाजिक कार्यकर्ता देवाजी तोफा के नेतृत्व में शिवाजी महाविद्यालय से मोर्चा प्रारंभ हुआ। गगनभेदी नारों के साथ यह मोर्चा लगभग 2 बजे जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचा।
इसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी को अपनी प्रमुख मांगों का ज्ञापन सौंपा। पिछले कुछ माह से राज्य सरकार के कुछ निर्णयों से आदिवासी समाज में भारी असंतोष फैला है।
विशेष रूप से धनगर और बंजारा समाज को अनुसूचित जनजाति प्रवर्ग से हटाकर अन्य पिछड़ा प्रवर्ग (OBC) तथा विशेष मागास प्रवर्ग (VJNT) में शामिल करने का निर्णय आदिवासी समाज के आरक्षण अधिकार और अस्तित्व पर सीधा प्रहार है।
इसी के विरोध में तथा संविधान प्रदत्त अधिकारों की रक्षा के उद्देश्य से महामोर्चा आयोजित किया गया था। शिवाजी महाविद्यालय से निकले इस मोर्चे में हजारों की संख्या में आदिवासी शामिल हुए।
आदिवासी समाज की मांगों को लेकर आदिवासी आरक्षण बचाव कृति समिति के बैनर तले गड़चिरोली शहर के धानोरा मार्ग शिवाजी महाविद्यालय से जिलाधिकारी कार्यालय पर आदिवासी जनाक्रोश मोर्चा आयोजित किया गया था। इस मोर्चे के मद्देनजर शिवाजी महाविद्यालय में बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय जुट गया। इस दौरान दोपहर करीब 1 बजे मोर्चे को प्रारंभ हुआ।
मोर्चा कतारबद्ध रूप से नारे लगाते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचा। इस दौरान हजारों की संख्या में आदिवासी बंधु मोर्चे में शामिल होने से कतार करीब 3 किमी लंबी दिखाई दे रही थी। इस दौरान आदिवासी बंधु पीली टोपी तथा दुपट्टे परिधान किए थे। मोर्चे ने जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में दस्तक देने के बाद यहां बड़ा जनसमुदाय नजर आ रहा था। इस दौरान पुलिस ने पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था रखी थी।
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इस दौरान विभिन्न मांगों का ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। ज्ञापन में आदिवासी समाज के खिलाफ लिए गए अन्यायपूर्ण तथा संविधान-विरोधी निर्णय तत्काल वापस लें, अनुसूचित जनजाति को मिलने वाला आरक्षण सुरक्षित रखा जाएं, माना जनजाति को अन्य प्रवर्ग में शामिल करने का निर्णय रद्द किया जाएं।
इसके अलावा आदिवासी विद्यार्थियों को शिक्षा और रोजगार में मिलने वाले अवसरों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े, इसके लिए सरकार तत्काल कदम उठाएं। आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों की राय लिए बिना लिए गए सभी सरकारी निर्णय अमान्य घोषित किए जाएं। आदिवासियों के पारंपरिक अधिकारों की रक्षा की जाएं तथा सामाजिक अपमान की घटनाओं पर रोक लगाई जाए आदि मांगों का समावेश है।