सीएम फडणवीस ने UIT का किया उद्घाटन (सौजन्य-नवभारत)
Gadchiroli Development News: पिछले 10 वर्षों में गड़चिरोली का स्वरूप बदलने का प्रयास किया गया है। रोजगार के नए अवसर सृजित किए गए, खामियों को दूर कर जिले को विकास के पथ पर अग्रसर किया गया। गड़चिरोली को नक्सलवाद से मुक्त किया गया और अब विश्वविद्यालय प्रौद्योगिकी संस्थान के माध्यम से मानव संसाधन निर्माण का प्रयास किया जा रहा है। इस उद्घाटन से भविष्य में लिखे जाने वाले इतिहास का पहला पन्ना लिखा जाएगा।
यह बात महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री तथा जिले के पालकमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कही। गोंडवाना विश्वविद्यालय तथा मेसर्स लॉयड्स मेटल्स एंड एनर्जी लिमिटेड के सार्वजनिक निजी सहभागिता मॉडल के अंतर्गत स्थापित यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (यूआईटी), गड़चिरोली का उद्घाटन शनिवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हाथों से हुआ। इस अवसर पर वह संबोधित कर रहे थे।
कार्यक्रम के दौरान यूथ पैरा गेम्स दुबई की विजेता श्वेता कोवे को एक लाख ग्यारह हजार एक सौ ग्यारह रुपये का धनादेश प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की प्रस्तावना कुलगुरु डा. प्रशांत बोकारे ने की। उन्होंने कहा कि यूआईटी संस्था मील का पत्थर साबित होगी। विश्वविद्यालय द्वारा संचालित इंजीनियरिंग कॉलेज प्रारंभ हो चुका है और जुलाई से बीटेक पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा।
कार्यक्रम में गोंडवाना विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. अनिल हिरेखण, यूआईटी के प्रभारी निदेशक प्रा. मनीष उत्तरवार, सहकार महर्षि अरविंद पोरेड्डीवार, पूर्व सांसद अशोक नेते, पूर्व विधायक डा. देवराव होली, रविंद्र ओल्लालवार, बलराम सोमनानी, वेदांश जोशी, शीतल सोमनानी सहित अनेक गणमान्य उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गड़चिरोली जिले में देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की अपार क्षमता है। गड़चिरोली के परिवर्तन में बी. प्रभाकरन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आने वाले समय में गड़चिरोली में लगभग तीन लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा। इसके लिए स्थानीय स्तर पर कुशल मानव संसाधन तैयार करना आवश्यक है, जिसे विश्वविद्यालय को साकार करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उल्लेखनीय है कि यूआईटी में अध्ययनरत विद्यार्थियों को विदेशों के विश्वविद्यालयों में शिक्षा एवं प्रशिक्षण के अवसर उपलब्ध होंगे। यह संस्थान गड़चिरोली जिले के प्रतिभाशाली एवं मेधावी युवाओं के लिए तकनीकी कौशल शिक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि यह संस्थान गोंडवाना विश्वविद्यालय के सहयोग से सहभागिता मॉडल के अंतर्गत स्थापित किया गया है। इस परियोजना की कुल लागत 200 करोड़ रुपये है, जिसमें से लॉयड्स कंपनी ने 25 करोड़ रुपये का योगदान दिया है।
लॉयड्स मेटल्स तथा गोंडवाना विश्वविद्यालय के बीच मई 2025 में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। एआईसीटीई, महाराष्ट्र राज्य तकनीकी शिक्षा मंडल और महाराष्ट्र शासन की मान्यता प्राप्त होने के बाद यूआईटी ने अगस्त 2025 से शैक्षणिक कार्य प्रारंभ किया।
संस्था को और अधिक सशक्त बनाने के लिए लॉयड्स ने कई अभिनव पहलें शुरू की हैं। गड़चिरोली के विद्यार्थियों की शिक्षा एवं संबंधित समस्त व्यय का भार कंपनी स्वयं वहन कर रही है। पाठ्यक्रम पूर्ण होने के पश्चात ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण की गारंटी दी गई है।
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साथ ही ऑस्ट्रेलिया के कर्टिन विश्वविद्यालय के साथ हुए समझौते के तहत चयनित विद्यार्थियों को अंतरराष्ट्रीय इंटर्नशिप के अवसर भी प्रदान किए जाएंगे। यूआईटी के माध्यम से लॉयड्स मेटल्स का उद्देश्य उद्योगों के लिए तैयार तकनीकी मानव संसाधन विकसित करना तथा क्षेत्र के दीर्घकालीक सामाजिक–आर्थिक विकास में योगदान देना है।
कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि के रूप में राज्य के वित्त, योजना, कृषि, सहायता व पुनर्वसन, विधि व न्याय तथा श्रम राज्यमंत्री व गड़चिरोली के सह-पालकमंत्री आशीष जयस्वाल, मंत्री डा. पंकज भोयर, गोंडवाना विश्वविद्यालय के कुलपति डा. प्रशांत बोकारे, लॉयड्स मेटल्स एंड एनर्जी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक बालसुब्रमण्यम प्रभाकरन, विधायक धर्मरावबाबा आत्राम, विधायक डा. मिलिंद नरोटे, जिलाधिकारी अविश्यांत पंडा, जिला पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल, लॉयड्स कंपनी के लेफ्टिनेंट कर्नल विक्रम मेहता, कार्यकारी निदेशक व्यंकटेश सौंदर्यराजन, आवासीय निदेशक हिम्मत सिंह बेदला, प्र-कुलगुरु डा. श्रीराम कावले सहित अनेक गणमान्य उपस्थित थे।