किडनी तस्करी (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Chandrapur Police Investigation: अंतरराष्ट्रीय किडनी तस्करी मामले में कंबोडिया का डॉ. चियांग इस रैकेट का मुख्य सरगना होने की जानकारी सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक भारत में उसके लिए किडनी बेचने वाले युवकों को भेजने का काम रामकृष्णन सुंचू करता था।
सुचू के साथ मोहाली चंडीगढ़ का हिमांशु भारद्वाज और कोलकाता का इंजीनियर पॉल भी जुड़ा हुआ था। इस बीच, नागभीड़ के रोशन कुडे के साथ कंबोडिया गए पांच युवकों के नाम पुलिस को मिले हैं। अब पुलिस इन पांचों की तलाश में जुटी है।
नागभीड़ तालुका के मिंधूर जैसे छोटे गांव से उजागर हुआ यह किडनी तस्करी प्रकरण सीधे कंबोडिया तक पहुंच गया है। अब इस मामले में कंबोडिया स्थित डॉ. चियांग का नाम सामने आया है। डॉ. चियांग के लिए भारत में किडनी बेचने वाले युवक खोजने का काम रामकृष्णन करता था। पुलिस को डॉ. चियांग और रामकृष्णन के बीच के कुछ अहम सबूत भी मिले हैं।
इसके अलावा रामकृष्णन के साथ हिमांशु भारद्वाज और पॉल जुड़े हुए थे। हिमांशु भारद्वाज टैक्सी किराये पर देने का व्यवसाय करता है। इसी व्यवसाय के जरिए वह रामकृष्णन के लिए किडनी बेचने वाले युवक ढूंढता था और उन्हें कोलकाता ले जाता था।
वहां पॉल की मदद से उनकी स्वास्थ्य जांच, रक्त समूह परीक्षण तथा अन्य जांच कराई जाती थीं। जिस प्रयोगशाला में ये सभी जांच होती थीं, उसकी जानकारी भी पुलिस ने जुटा ली है। हालांकि पॉल समय रहते फरार हो गया, जिससे जांच में कठिनाइयां आ रही हैं।
हिमांशु के साथ नागभीड़ का रोशन कुडे भी कंबोडिया गया था। हिमांशु और कुडे की कंबोडिया एयरपोर्ट की वीडियो क्लिप वायरल हुई थी। इस फुटेज के आधार पर पुलिस को उनके साथ कंबोडिया गए अन्य लोगों के नाम मिले हैं। इनमें दो उत्तर प्रदेश के, एक बिहार का, एक रोशन और एक नासिक का युवक शामिल है।
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हालांकि नासिक का युवक एयरपोर्ट से ही फरार हो गया। रामकृष्णन भारत में किडनी बेचने वाले युवकों को डॉ. चियांग के पास ले जाता था। वह सोलापुर में लोगों को दिखाने के लिए प्रॉपर्टी खरीद-फरोख्त का व्यवसाय करता था।
फिलहाल पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि इस किडनी तस्करी रैकेट में और कितने लोग शामिल है। इस दिशा में पुलिस को काफी सफलता भी मिली है। इसी मामले में ब्रह्मपुरी के संबंधित साहूकार को आज फिर अदालत में पेश किया गया, जिला न्यायालय द्वारा जमानत खारिज किए जाने के बाद अवैध साहूकारी के आरोपी मनीष पुरुषोतम घाटबाधे को पुलिस ने ब्रह्मपुरी न्यायालय में पेश किया था।
न्यायालय ने उसे 3 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा था। शनिवार (27 दिसंबर) को मनीष की पुलिस हिरासत की अवधि समाप्त होने पर ब्रह्मपुरी न्यायालय ने अंततः आरोपी मनीष घाटबांधे को 2 जनवरी 2026 तक न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए है। इस गंभीर मामले में अब तक 5 आरोपी पहले से ही न्यायिक हिरासत में है।