गड़चिरोली में राष्ट्रीय महामार्ग की बदहाल स्थिति। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
गड़चिरोली: पिछले एक सप्ताह से लगातार हो रही भारी बारिश ने दक्षिण गड़चिरोली के आलापल्ली से सिरोंचा तक के 353 सी राष्ट्रीय महामार्ग की हालत पूरी तरह खराब कर दी है। इस मार्ग पर जगह-जगह कीचड़, दलदल और गड्ढों के कारण यातायात रोज कई घंटों तक ठप हो जाता है। इससे आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गाड़ियों की आवाजाही के साथ ही पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है।
यह राष्ट्रीय महामार्ग गड़चिरोली जिले का एक महत्वपूर्ण कनेक्शन है, जो सिरोंचा और आलापल्ली जैसे प्रमुख क्षेत्रों को जोड़ता है। इस मार्ग की खराब स्थिति के कारण न केवल यात्रियों को दिक्कतें हो रही हैं, बल्कि यहां से गुजरने वाले वाणिज्यिक वाहन भी प्रभावित हुए हैं। इससे व्यापारिक गतिविधियों पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जब पहली बार गड़चिरोली के पालकमंत्री बने थे, तब उन्होंने इस मार्ग के सुधार के लिए तत्काल कार्यवाही का निर्देश दिया था। उन्होंने अधिकारियों को इस मार्ग के निर्माण एवं मरम्मत का काम तेजी से पूरा करने का आदेश भी दिया था।
लेकिन 6 साल गुजर जाने के बाद भी इस सड़क की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। पिछले कई वर्षों से सड़क खराब होने के कारण कई दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें लगभग 50 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। इस बीच, प्रशासन की ओर से मार्ग की देखभाल और मरम्मत के लिए कुछ अस्थायी कार्य जरूर किए गए, लेकिन वे पूरी तरह से प्रभावी साबित नहीं हुए। इसके कारण स्थानीय लोगों का मानना है कि ‘सड़क का निर्माण रुका हुआ है’ और प्रशासन इस मामले में गंभीर नहीं है।
पिछले साल भी बारिश के कारण यह मार्ग कुछ समय के लिए पूरी तरह बंद हो गया था। उस समय सरकारी एसटी बस सेवा भी ठप हो गई थी। उस दौरान सिरोंचा के लोग तेलंगाना मार्ग से अपने गंतव्यों तक जाने को मजबूर हुए थे। आज भी निजी वाहन उस मार्ग से ही आवाजाही कर रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि सड़क की खराब हालत के कारण कई बार उनकी रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित होती है। छात्र-छात्राएं जो तालुका मुख्यालय की स्कूलों में जाते हैं, वे समय पर स्कूल नहीं पहुंच पाते। गंभीर बीमार मरीजों को भी समय पर अस्पताल पहुंचने में कठिनाई होती है, जिससे कई जानलेवा मामले सामने आए हैं।
स्थानीय लोगों ने गड़बड़ी के लिए प्रशासन और अपने प्रतिनिधियों पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। उनका कहना है कि लंबे समय से समस्या बनी हुई है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। प्रशासन की ओर से कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिलने के कारण लोगों में असंतोष फैल रहा है।
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के कार्यकाल में भी यह मार्ग अधर में लटका रहा। इसके बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस जिले का पालकमंत्री पद संभाला और यहां बड़े पैमाने पर लोहे के खनिज उद्योगों को बढ़ावा देने तथा ‘स्टील सिटी’ बनाने का बड़ा सपना दिखाया। इसके लिए बड़ी कंपनियों ने करोड़ों रुपये का निवेश भी किया। फिर भी, इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय महामार्ग का निर्माण और सुधार समय पर पूरा न हो पाने के कारण इस क्षेत्र के विकास में बाधा आई है। स्थानीय जनता का मानना है कि यह सड़क न केवल आवागमन के लिए जरूरी है, बल्कि क्षेत्रीय आर्थिक विकास के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण लिंक है।
कांग्रेस सहित कई राजनीतिक दलों ने भी इस मुद्दे पर सरकार की जमकर आलोचना की है। उनका कहना है कि सरकार विकास के दावे तो बड़े-बड़े करती है, लेकिन जमीन पर कोई ठोस काम नहीं होता। जनता परेशान है और लगातार प्रदर्शन कर रही है। गड़चिरोली के नागरिक विकास के नाम पर लगातार हो रही अनदेखी से तंग आ चुके हैं। भारी बारिश और खराब सड़क की स्थिति ने उन्हें मूलभूत सुविधाओं से वंचित कर दिया है। प्रशासन को चाहिए कि वह इस गंभीर समस्या का जल्द से जल्द समाधान करे और गड़चिरोली की जनता को बेहतर एवं सुरक्षित सड़क सुविधाएं प्रदान करे।