अनंत चतुर्दशी 2025 (pic credit; social media)
Anant Chaturdashi 2025: गणेशोत्सव समिति ने अनंत चतुर्दशी की छुट्टी रद्द करने के राज्य सरकार के फैसले का चौतरफा विरोध किया जा रहा है। महाराष्ट्र में अनंत चतुर्दशी के दिन पिछले 30 वर्षों से छुट्टी होती आ रही है। लेकिन इस वर्ष अचानक छुट्टी रद्द करने से कई समस्याएं खड़ी हो सकती हैं। इसलिए, बृहन्मुंबई सार्वजनिक गणेशोत्सव समन्वय समिति ने अनंत चतुर्दशी की छुट्टी बहाल करने की मांग की है ।
राज्य सरकार ने अपने पिछले आदेश में 16 अगस्त को गोपालकाल (दहीहांडी) और 6 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के लिए स्थानीय अवकाश घोषित किया था। हालांकि, ये दोनों ही छुट्टियां शनिवार को पड़ रही हैं। राज्य में सरकारी और अर्ध-सरकारी कार्यालयों में शनिवार और रविवार को अवकाश होता है। इसीलिए इन छुट्टियों की जगह मुंबई में नारली पूर्णिमा और 2 सितंबर को ज्येष्ठ गौरी विसर्जन के लिए स्थानीय अवकाश घोषित किया गया है।
जिला मजिस्ट्रेट द्वारा शहर और उपनगरीय दोनों जिलों में स्थानीय अवकाश घोषित किए जाने के बाद अब अनंत चतुर्दशी पर मुंबई में बैंकों, वित्तीय सेवाओं और केंद्र सरकार के कार्यालयों में अवकाश नहीं होगा। इस निर्णय से गणेशोत्सव मंडलों के पदाधिकारियों में भारी नाराजगी व्याप्त है।
बृहन्मुंबई सार्वजनिक गणेशोत्सव समन्वय समिति ने भी इस पर नाराजगी व्यक्त की है। समन्वय समिति ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से अनंत चतुर्दशी के अवसर पर दिए गए सार्वजनिक अवकाश को बहाल करने की मांग की है। गणेशोत्सव समन्वय समिति के अध्यक्ष एड. नरेश दहिबावकर ने कहा कि अनंत चतुर्दशी के अवसर पर आयोजित विसर्जन जुलूसों में बड़ी संख्या में गणेश भक्त शामिल होते हैं। सरकारी और निजी प्रतिष्ठानों में काम करने वाले मजदूर और कर्मचारी भी इसमें शामिल होते हैं।
अगर अनंत चतुर्दशी पर छुट्टी होती है तो बप्पा के विसर्जन समारोह में सभी लोग शामिल हो सकते हैं। साथ ही अगर छुट्टी होती है तो मुंबई में यातायात की भीड़ कम होगी और विसर्जन जुलूस जल्द से जल्द पूरा हो जाएगा। इस साल अनंत चतुर्दशी 6 सितंबर को है और शनिवार होने के कारण सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे, लेकिन निजी प्रतिष्ठान खुले रहेंगे। मुंबई में भीड़ और यातायात को नियंत्रित करने के लिए एड. दहिबावकर ने पिछले 30 वर्षों से चले आ रहे अनंत चतुर्दशी के सार्वजनिक अवकाश को बहाल करने की मांग की है।
महाराष्ट्र प्रगतिशील शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष तानाजी कांबले ने कहा कि गोपालकाला और अनंत चतुर्दशी सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं हैं, बल्कि महाराष्ट्र की सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा हैं। इस दिन राज्य भर में आयोजित होने वाली दहीहांडी प्रतियोगिताओं और गणेश विसर्जन जुलूसों के कारण शहरों में यातायात व्यवस्था पर भारी दबाव पड़ता है, सड़कें बंद रहती हैं, सार्वजनिक परिवहन बाधित होता है और शैक्षणिक गतिविधियां पूरी तरह से बाधित होती हैं।
ऐसे में सार्वजनिक अवकाश एक सही और जनोन्मुखी निर्णय होगा। संगठन ने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और सामान्य प्रशासन विभाग को भेजे एक बयान में कहा है कि 2025 में रद्द किए गए इन दोनों त्योहारों की छुट्टियों को पुनः लागू करने से शिक्षकों, छात्रों, अभिभावकों और आम नागरिकों को राहत मिलेगी और सामाजिक-सांस्कृतिक संतुलन बना रहेगा।