Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • अन्य
    • वेब स्टोरीज़
    • वायरल
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • धर्म
    • करियर
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • Tariff War |
  • Independence Day |
  • Parliament Session |
  • Weather Update |
  • Bihar Assembly Elections 2025 |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

नांदेड़ से लाल किले तक, यहीं होता है भारत के गौरव प्रतीक ‘तिरंगे’ का निर्माण

Nanded News: महाराष्ट्र के नांदेड़ में स्थित खादी ग्रामोद्योग केंद्र देशभर में फहरने वाले तिरंगों का निर्माण करता है। यहां से बने झंडे गांवों से लेकर दिल्ली के लाल किले तक गर्व से लहराते हैं।

  • By सोनाली चावरे
Updated On: Aug 14, 2025 | 09:34 PM

नांदेड़ तिरंगा फेक्ट्री (pic credit; social media)

Follow Us
Close
Follow Us:

Maharashtra Nanded Tricolor Flag: देश जहां स्वतंत्रता दिवस मनाने की तैयारी कर रहा है, वहीं महाराष्ट्र का एक छोटा सा शहर देशभक्ति की तैयारियों में बड़ी भूमिका निभा रहा है। नांदेड़ में मराठवाड़ा खादी ग्रामोद्योग समिति का मुख्यालय है। यह भारत के उन गिने-चुने आधिकारिक केंद्रों में से एक है, जहां राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का निर्माण सरकारी मानकों के अनुसार किया जाता है।

साधारण गांवों के दफ्तरों से लेकर दिल्ली के लाल किले की भव्यता तक ये झंडे पूरे देश में गर्व से फहराए जाते हैं। इस अनूठी जिम्मेदारी की जड़ें 1965 में हैं, जब स्वतंत्रता सेनानी गोविंदभाई श्रॉफ और दूरदर्शी नेता स्वामी रामानंद तीर्थ ने नांदेड़ में खादी ग्रामोद्योग की नींव रखी थी। तब से यह संगठन स्थानीय रोजगार और राष्ट्रीय गौरव का आधार बन गया है।

खादी के कपड़े से ध्वज निर्माण

कार्यालय अधीक्षक ज्ञानोबा सोलंके के मुताबिक ध्वज निर्माण एक जटिल और समय लेने वाली प्रक्रिया है जो महीनों पहले शुरू हो जाती है। इसकी शुरुआत बिना उपचारित खादी के कपड़े से होती है, जिसे पहले अहमदाबाद स्थित बीएमसी मिल, जो एक सरकारी मान्यता प्राप्त सुविधा है, राष्ट्रीय ध्वज के तीनों रंगों में बुनाई के लिए भेजा जाता है।

यह भी पढ़ें-Independence Day 2025: क्या होते है स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराने और उतारने के नियम, जानिए

भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा निर्धारित विनिर्देशों के आधार पर कठोर गुणवत्ता जांच के बाद, झंडों को अशोक चक्र की स्क्रीन प्रिंटिंग, कटिंग और सिलाई के लिए वापस भेज दिया जाता है। निर्माण प्रक्रिया की एक अनूठी विशेषता झंडों को बांधने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली विशेष ‘गर्दी’ रस्सी है। यह रस्सी हल्दी, सागौन, साल और शीशम जैसी लकड़ियों के मिश्रण से बनाई जाती है और मुंबई से मंगवाई जाती है।

1962 में शुरू हुआ था संगठन

पूरे उत्पादन चक्र में कम से कम दो महीने लगते हैं, इसलिए पहले से योजना बनाना जरूरी है। नांदेड़ विनिर्माण इकाई के प्रबंधक महाबलेश्वर मठपति ने आईएएनएस के साथ बातचीत में महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्‍होंने कहा कि हमारा संगठन 1962 में शुरू हुआ और हम 1993 से राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण कर रहे हैं। केंद्र सरकार कपास की आपूर्ति करती है। हमारी एक शाखा उदगीर, लातूर में है, जहां 250 कताई करने वाले और बुनकर कपड़ा तैयार करते हैं। फिर इस कपड़े को नांदेड़ लाया जाता है, रंगाई और विरंजन के लिए गुजरात भेजा जाता है, और अंत में छपाई और सिलाई के लिए नांदेड़ वापस लाया जाता है।

8 अगस्त तक 50 लाख के बिके झंडे

इस साल अब तक नांदेड़ इकाई में विभिन्न आकारों के 10 हजार से ज्‍यादा राष्ट्रीय ध्वज बनाए जा चुके हैं। 8 अगस्त तक, 50 लाख रुपए के झंडे बिक चुके हैं, और इस साल इकाई का कारोबार 1.5 करोड़ रुपए को पार करने की ओर अग्रसर है। स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के नजदीक आते ही हर साल मांग बढ़ जाती है। झंडों का आकार उनके इच्छित उपयोग के आधार पर भिन्न होता है। सबसे बड़ा झंडा, जिसका आकार 14×21 फीट है, मंत्रालयों और लाल किले जैसी सरकारी इमारतों पर लगाया जाता है।

8×12 फीट का झंडा आमतौर पर जिला कलेक्टर कार्यालयों में, 6×9 फीट का कमिश्नर कार्यालयों में और 4×6 फीट का तहसील कार्यालयों में इस्तेमाल किया जाता है। छोटे झंडे स्कूलों और कॉलेजों में वितरित किए जाते हैं। देश में केवल चार केंद्र महाराष्ट्र में नांदेड़ और मुंबई, कर्नाटक में हुबली और मध्य प्रदेश में ग्वालियर ही लाल किले के लिए झंडे बनाने के लिए आधिकारिक तौर पर अधिकृत हैं।

(News Source-आईएएनएस)

Maharashtra nanded khadi village industries center tricolor manufacture to red fort independence day 2025

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Aug 14, 2025 | 09:34 PM

Topics:  

  • Indian Flag
  • Maharashtra News
  • Nanded News

सम्बंधित ख़बरें

1

नासिक में तेज धमाके से मची दहशत, लोगों ने महसूस किए भूकंप जैसे झटके, ओझर HAL ने दी सफाई

2

नीम हॉलीडेज बदल रहा पर्यटन की परिभाषा, क्वालिटी टूर के साथ धार्मिक यात्रा की नई पहल ला रही है रंग

3

मुंबई में पीएम मुद्रा योजना के नाम पर 33 लाख की ठगी, पुलिस जांच में जुटी

4

मुंबई में नकली नोट छापने वाला ठग गिरोह बेनकाब, चार आरोपी गिरफ्तार, भारी मात्रा में नोट बरामद

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • सोलापुर
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.