मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इनमें कुछ निर्णयों से सांगली, सोलापुर और जलगांव के किसानों को भारी राहत मिलेगी। कैबिनेट ने म्हैसाल उपसा सिंचाई योजना की ऊर्जा दक्षता बढ़ाने के लिए सौर ऊर्जा परियोजना के लिए 1,594 करोड़ रुपए की मंजूरी दी। इस योजना से सूखा प्रभावित क्षेत्रों में 1 लाख 8 हजार 197 हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई सुविधा मिलेगी।
इसी तरह जलगांव जिले के चालीसगांव तालुका में वरखेडे लोंढे (बैराज) मध्यम परियोजना के लिए 1,275 करोड़ 78 लाख रुपए के प्रावधान को मंजूरी दी गई। चालीसगांव, भड़गांव तालुका में 8 हजार 290 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए सिंचाई सुविधा मिलेगी। तो वहीं पुणे के एरंडवाना में दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल को मात्र 1 रुपए के मामूली शुल्क पर सरकारी जमीन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है।
मंत्रिमंडल की बैठक में कृष्णा-कोयना उपसा सिंचाई योजना के अंतर्गत म्हैसाल उपसा सिंचाई योजना के लिए सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित करने तथा योजना की ऊर्जा दक्षता में सुधार लाने का निर्णय लिया गया। दावा है कि इससे लगभग 398 मिलियन यूनिट की वार्षिक बिजली की आवश्यकता पूरी होगी।
कृष्णा कोयना उपसा सिंचाई परियोजना में दो अलग-अलग उपसा सिंचाई योजनाएं, ताकारी और म्हैसल शामिल हैं। सिंचाई योजना का उद्गम कृष्णा नदी पर म्हैसल में होगा। यहां से विभिन्न चरणों में उठाया जाने वाला पानी सांगली जिले के मिरज, कवठे महांकाल, तासगांव, जाट और सोलापुर जिले के सांगोला और मंगलवेढ़ा तालुका के 1 लाख 8 हजार 197 हेक्टेयर सूखाग्रस्त क्षेत्रों को सिंचाई के लिए उपलब्ध हो सकेगा।
बैठक में जलगांव जिले में वरखेड़े लोंढे (बैराज) की मध्यम आकार की परियोजना के लिए 1,275 करोड़ 78 लाख रुपए के संशोधित प्रावधान को मंजूरी दी गई। यह परियोजना तापी सिंचाई विकास निगम, जलगांव, वरखेड़े गांव के अंतर्गत गिरना नदी पर स्थित है।
इस परियोजना की जल भंडारण क्षमता 35.587 डीएलएचएम है तथा उपयोग योग्य जल भण्डारण क्षमता 34.772 डीएलएचएम होगी। यह बैराज परियोजना चालीसगांव और भड़गांव तालुकाओं में 8,290 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा प्रदान करेगी।
मंत्रिमंडल की बैठक में पुणे में दीनानाथ मंगेशकर फाउंडेशन अस्पताल एवं चिकित्सा अनुसंधान केंद्र को एक नाले पर पुल के निर्माण के लिए नाममात्र दर पर वार्षिक पट्टे पर भूमि उपलब्ध कराने को मंजूरी दी गई। ट्रस्ट एक अस्पताल और चिकित्सा अनुसंधान केंद्र स्थापित करने के लिए एरंडवाना में भूमि उपलब्ध करा दी गई है।
इसके अलावा ट्रस्ट ने कर्वेनगर क्षेत्र में जमीन खरीदी है। ट्रस्ट ने इन दोनों संपत्तियों के बीच के नाले पर पुल बनाने के लिए 795 वर्ग मीटर जगह की मांग की थी। तदनुसार, इस भूमि को 1 रुपए प्रति वर्ग फुट की नाममात्र दर पर पट्टे पर देने की स्वीकृति दी गई।
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संबंधित ट्रस्ट नहर पर पुल के निर्माण की लागत वहन करेगा। इस पुल से मरीजों, मरीजों के रिश्तेदारों, एम्बुलेंस, मरीजों के रिश्तेदारों के वाहनों तथा ट्रस्ट के संबंधित चिकित्सा अधिकारियों और कर्मचारियों को आवागमन में सुविधा होगी।
बैठक में राज्य सरकार के माध्यम से 16 और राष्ट्रीय राजमार्ग लॉजिस्टिक्स प्रबंधन लिमिटेड (एनएचएलएमएल) के माध्यम से 29 सहित (कुल 45) रोपवे के कार्य को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई। रोपवे कार्यों के लिए एनएचएलएमएल को 30 वर्ष के पट्टे पर आवश्यक भूमि उपलब्ध कराने की स्वीकृति दी गई है।