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मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में रविवार को आयोजित राज्य कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। सह्याद्री राज्य अतिथि गृह में हुई इस कैबिनेट बैठक में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और मंत्रिमंडल के सदस्य मौजूद थे। बैठक में नार-पार-गिरणा नदी जोड़ परियोजना व राज्य में किसानों को दिन में अबाधित बिजली की आपूर्ति सहित 19 अहम निर्णय लिए गए हैं।
कैबिनेट बैठक में राज्य में किसानों के कृषि पंपों को दिन में निर्बाध और विश्वसनीय बिजली आपूर्ति प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2.0 के विस्तार को मंजूरी दे दी गई। किसानों के कृषि पंपों को दिन में बिजली आपूर्ति के लिए प्रदेश में मुख्यमंत्री सौर कृषि योजना 2.0 क्रियान्वित की जा रही है। इस मिशन मोड पर योजना ने 2025 तक 9000 मेगावाट की 16,000 मेगावाट विकेन्द्रीकृत सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता और शेष 7000 मेगावाट के लक्ष्य को मंजूरी दे दी है। इससे राज्य के शत-प्रतिशत कृषि पंप उपभोक्ताओं को दिन में बिजली आपूर्ति करने का लक्ष्य प्राप्त होगा।
✅ राज्य सरकारी कर्मचाऱ्यांना केंद्राप्रमाणे सुधारित राष्ट्रीय निवृत्तीवेतन योजना लागू. मार्च २०२४ पासून अंमलबावणी. लाखो कर्मचाऱ्यांना फायदा.
✅ राज्यातील जास्तीत- जास्त शेतकऱ्यांना दिवसा अखंडित वीज देणार. योजनेची व्याप्ती वाढवली.
✅ गटप्रवर्तकांच्या…
— Eknath Shinde – एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) August 25, 2024
कैबिनेट बैठक में नार-पार-गिरणा नदी जोड़ परियोजना को मंजूरी देने का निर्णय लिया गया, जिससे नासिक और जलगांव जिलों की सिंचाई को काफी लाभ होगा। इस प्रोजेक्ट की लागत 7 हजार 15 करोड़ 29 लाख है। इस नदी जोड़ो परियोजना के माध्यम से, तीन नदियों नार, पार, औरंगा की घाटियों में स्थित 9 बांधों से 14.56 किमी लंबी सुरंगों के जरिए 9.19 टीएमसी पानी किनारे गिरना नदी की घाटी चनकापुर बांध के पास छोड़ा जाएगा। इससे लगभग 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित होगा. इससे नासिक, जलगांव जिले को सिंचाई में लाभ होगा।
नार-पार-गिरणा नदीजोड प्रकल्पास मंजुरी…#मंत्रिमंडळनिर्णय #Maharashtra #CabinetDecision pic.twitter.com/kfurCNiZz9
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) August 25, 2024
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मुंबई महानगर में रुकी हुई झुग्गी बस्ती पुनर्वास परियोजना को सरकारी निगमों और प्राधिकरणों के माध्यम से तेजी से पूरा करने का निर्णय कैबिनेट बैठक में लिया गया। इसके जरिए कुल 228 झुग्गी पुनर्वास परियोजनाएं पूरी की जाएंगी। इसके लिए 2 लाख 18 हजार 931 फ्लैट बनाए जाएंगे। बृहन्मुंबई नगर निगम, म्हाडा, सिडको, महाप्रीत, एमआईडीसी, महाहाउसिंग, शिवशाही पुनर्वास परियोजना, एमएमआरडीए जैसे निगमों और प्राधिकरणों को संयुक्त भागीदारी के आधार पर इन परियोजनाओं को शुरू करने की मंजूरी दी गई थी।
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