यवतमाल न्यूज
New Gram Panchayats in Yavatmal: यवतमाल जिले के बंजारा-लमाण तांडों के लिए राज्य सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। तांडों को राजस्व ग्राम का दर्जा देने और स्वतंत्र ग्राम पंचायतें गठित करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इस निर्णय से जिले में कुल 39 नई ग्राम पंचायतों के गठन की प्रक्रिया आसान हो गई है। अब जिले में ग्राम पंचायतों की संख्या बढ़कर 1,234 हो गई है।
आने वाले समय में जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनाव होने वाले हैं, जिन्हें अक्सर “मिनी मंत्रालय” के रूप में देखा जाता है। ऐसे समय में राज्य सरकार का यह निर्णय विशेष महत्व रखता है। इससे पहले जिले में 1,203 ग्राम पंचायतें अस्तित्व में थीं, जिनमें अब 31 नई ग्राम पंचायतों को मंजूरी दी गई है। इस फैसले में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और ग्रामविकास मंत्री जयकुमार गोरे की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
तांडों के सर्वांगीण विकास के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है। संत सेवालाल महाराज बंजारा-लमाण तांडा समृद्धि योजना के तहत इन तांडों को स्वतंत्र ग्राम पंचायत का दर्जा प्रदान किया गया है। जिले के पुसद, उमरखेड, महागांव, दिग्रस, नेर, दारव्हा सहित अन्य तहसील में कुल 31 नई ग्राम पंचायतों का गठन किया जाएगा।
अब तक राजस्व रिकॉर्ड में 1,203 ग्राम पंचायतें दर्ज थीं, लेकिन नई मंजूरियों के बाद यह संख्या बढ़कर 1,234 हो गई है। इसके अलावा अभी भी 5 प्रस्ताव शासन स्तर पर मंजूरी की प्रतीक्षा में हैं। बंजारा-लमाण समाज परंपरागत रूप से तांडों के माध्यम से मुख्य गांवों से दूर, विशेषकर पहाड़ी इलाकों में निवास करता है।
ऐतिहासिक कारणों और आजीविका के लिए निरंतर भटकाव के चलते यह समाज शिक्षा, स्वास्थ्य और मूलभूत सुविधाओं से वर्षों तक वंचित रहा। तांडों को अब तक गांवठाण और राजस्व ग्राम का दर्जा नहीं मिलने के कारण वहां ग्राम पंचायत स्थापित करना संभव नहीं था। 12 फरवरी 2004 के शासन निर्णय के अनुसार जिले में 1,203 ग्राम पंचायतें थीं।
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पॉइंटर्स
बंजारा या लमाण तांडों को स्वतंत्र ग्राम पंचायत का दर्जा देने के लिए कुल 36 प्रस्ताव शासन को भेजे गए थे, जिनमें से 31 प्रस्तावों को मंजूरी मिल चुकी है। परिणामस्वरूप यवतमाल जिले में अब 1,234 ग्राम पंचायतें अस्तित्व में हैं।
नई ग्राम पंचायतें बनने से विकास योजनाओं का बेहतर नियोजन और प्रभावी क्रियान्वयन संभव होगा। इसके लिए जिला स्तरीय समिति गठित की जाएगी, जिसे तांडा वस्ती घोषित करना, गांवठाण घोषित करना, तांडों को राजस्व ग्राम का दर्जा देना और ग्राम पंचायत स्थापना की प्रक्रिया पूरी करने का अधिकार होगा।