डिज़ाइन फोटो
नागपुर/मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने दावा किया कि राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को गिरफ्तारी से बचाने की कोशिश की थी और महाविकास आघाडी (MVA) सरकार को गिराने के लिए सिंह से उनके के खिलाफ आरोप लगाने को कहा था।
वहीं BJP ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह फडणवीस को बदनाम करने की रणनीति ही थी। इसके साथ ही BJP ने यह सवाल भी उठाया कि एक नेता जो उस समय विपक्ष में था, वह पुलिस अधिकारी से ऐसा कैसे कह सकता है? फडणवीस और सिंह दोनों ने वरिष्ठ राकांपा नेता (शरदचंद्र पवार) द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को अलग-अलग खारिज कर दिया। इधर देशमुख के दावों के बारे में पूछे जाने पर, उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने विस्तार से बताए बिना संवाददाताओं से कहा, ‘‘झूठ बोले कौवा कटे…काले कौवे से डरियो।”
यहां पढ़ें- नागपुर में महिलाओं ने MP की युवती को 3 दिन तक बनाया बंधक, भाई ने बचाई जान
पता हो कि पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि देशमुख ने गृह मंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान पुलिस अधिकारियों से बार और रेस्तराओं से हर माह 100 करोड़ रुपये वसूलने को कहा था। इस आरोप के मद्देनजर देशमुख ने 2021 में गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।
पूर्व गृह मंत्री देशमुख ने यह भी दावा किया था कि बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे फडणवीस के कहने पर उनके खिलाफ आरोप लगा रहे हैं। वाझे, फरवरी 2021 में उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास ‘एंटीलिया’ के बाहर जिलेटिन की छड़ें लगाने और ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरन की हत्या के मामले में आरोपी है। वाझे वर्तमान में नवी मुंबई के तलोजा केंद्रीय कारागार में बंद है।
यहां पढ़ें- गरीबों को पट्टे वितरण का निभा रहे वादा, फडणवीस ने जताया संतोष
बीते सोमवार को नागपुर में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान पत्रकारों ने देशमुख से फडणवीस की उस टिप्पणी के बारे में पूछा जिसमें उन्होंने कहा था कि सिंह और वाझे की नियुक्ति तब की गई थी जब देशमुख गृह मंत्री थे। इसके जवाब में देशमुख ने दावा किया, ‘‘जब मैं महाराष्ट्र का गृह मंत्री था, तो हमें एक जांच में पता चला कि मुंबई के (तत्कालीन) शीर्ष पुलिस अधिकारी परमबीर सिंह उद्योगपति मुकेश अंबानी के ‘एंटीलिया’ आवास के पास मिली स्कॉर्पियो गाड़ी में जिलेटिन की छड़ें लगाने और स्कॉर्पियो गाड़ी के मालिक की हत्या के मामले के मुख्य साजिशकर्ता थे। सिंह ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर इसे अंजाम दिया था।”
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के नेता ने आरोप लगाया कि परमबीर सिंह को तीन साल पहले गिरफ्तार किया जाना था और इससे बचने के लिए वह ‘‘फडणवीस और केंद्र सरकार की शरण में चले गए।” देशमुख ने दावा किया, ‘‘फडणवीस ने सिंह को आश्वासन दिया था कि उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, लेकिन इस शर्त पर कि उन्हें एमवीए सरकार को गिराने के लिए मेरे खिलाफ आरोप लगाने होंगे। इसलिए परमबीर सिंह ने मेरे खिलाफ आरोप लगाए।”
संपर्क करने पर BJP के प्रदेश प्रवक्ता चंदन गोस्वामी ने दावा किया कि विपक्षी दलों के समूह ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) और MVA झूठ बोलने की रणनीति पर काम कर रहे हैं, जैसे कि उन्होंने दावा किया था कि संविधान को बदल दिया जाएगा। फडणवीस के खिलाफ देशमुख के दावों पर गोस्वामी ने सवाल उठाया कि विपक्ष का कोई नेता पुलिस आयुक्त से ऐसी बात कैसे कह सकता है वह भी तब, जब MVA सरकार ने परमबीर सिंह को नियुक्त किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘यह सब फडणवीस को बदनाम करने की रणनीति है।” इस बीच, मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने एक मराठी समाचार चैनल से बात करते हुए देशमुख के आरोपों का जोरदार खंडन किया और कहा कि पूर्व गृह मंत्री अपना “मानसिक संतुलन” खो चुके हैं। सेवानिवृत्त IPS अधिकारी ने कहा, ‘‘मैंने जो भी आरोप लगाए थे, वे सभी प्रमाणित थे और ED और CBI द्वारा की गई जांच में भी शामिल थे।” सिंह ने आरोप लगाया कि देशमुख न केवल मुंबई से बल्कि विभिन्न एजेंटों के माध्यम से अन्य स्थानों से भी पैसा इकट्ठा करते थे और जांच के दौरान इसके सबूत भी मिले हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)