विधायक सुधीर मुनगंटीवार को ज्ञापन सौंपते समाज के लोग (फोटो नवभारत)
Chandrapur Seva Pakhawada News: सेवा पखवाडा के अंतर्गत चंद्रपुर जिले की मूल तहसील के उपजिला अस्पताल में स्वास्थ जांच शिविर का आयोजन किया गया। इस समय विधायक मुनगंटीवार ने शिविर को भेंट दी। इस समय युवाक्रांती संगठन एवं कोरकु गोंड जनजाती ने विधायक मुनगंटीवार को विभिन्न समस्याओं का ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में बताया गया कि मूल के वार्ड क्रमांक 14 में पिछले 25 वर्षों से 100 से 200 लोगों की आबादी है। कोरकू गोंड समुदाय एक आदिवासी परिवार है, वे देवी-देवताओं और महापुरुषों की तस्वीरें बेचकर और जो भी निम्न-गुणवत्ता वाला काम मिल जाता उसे करके अपना जीवन यापन करते हैं।
ज्ञापन में बताया गया कि कोरकू गाेंड समाज फटे कपड़े पहनकर अपनी रोटी, कपड़ा और मकान की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं। कोरकू गोंड समुदाय एक मूलनिवासी समुदाय है और चूंकि उनके पास अपनी एक इंच भी जमीन नहीं है, इसलिए वे पिछले 25 वर्षों से रेलवे लाइन के नीचे छोटी-छोटी झोपड़ियों में रह रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि लोगों को घरकुल योजना मिले। घरकुल योजना केवल उन लोगों के लिए है जिनके पास जमीन उपलब्ध है। लेकिन कोरकू गोंड जैसे समुदाय के लोग चुनाव में भाग लेते हैं और शासकों का चुनाव करते हैं, लेकिन यह अफसोस की बात है कि सरकार उनकी बुनियादी समस्याओं का समाधान नहीं कर पाती है।
उनकी एकमात्र अपेक्षा उनका काम है और उनके बच्चों के लिए भोजन, कपड़ा, मकान और शिक्षा, अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं होनी चाहिए। वे इसे पाने के लिए वोट देते हैं लेकिन प्रशासन किसी तरह उन्हें नीचा देख रहा है।
प्रशासन को इन लोगों को जमीन के पट्टे और घर बनाकर उनकी मदद करनी चाहिए। नगर परिषद के माध्यम से उनसे मकान और पानी की ट्रक का शुल्क लिया जा रहा है, लेकिन वे कई बुनियादी समस्याओं से पीड़ित हैं लेकिन नगर परिषद जानबूझकर उनकी अनदेखी करती दिख रही है।
कोरकू गोंड समुदाय का परिवार लगभग 25 वर्षों से वार्ड क्रमांक 14 में रह रहा है। उन्हें मानसून के दौरान वहाँ जाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। चूंकि कोई नाली या सड़क नहीं है, इसलिए उन्हें वहाँ जाने के लिए भी कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
इस क्षेत्र में कोई बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं, न ही उचित पानी की आपूर्ति है। सीवेज की गरीबी में खाने-पीने की समस्या तो है ही, लेकिन सीवेज व्यवस्था न होने के कारण उन्हें डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड और बार-बार बुखार जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
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यहां के नागरिकों ने कई बार प्रशासन से सीवेज के लिए नालियां बनाने और उन्हें रहने के लिए जगह और आश्रय मुहैया कराने की गुहार लगाई है। क्षेत्र के विधायक सुधीर मुनगंटीवार को वर्ष 2020 में एक ज्ञापन दिया गया था।
इस बीच सुधीर मुनगंटीवार ने कोरकू गोंड जनजाति के लोगों की समस्याओं को सरकार के ध्यान में लाया, लेकिन किसी भी अधिकारी ने उनकी जरूरतों को नहीं समझा और जानबूझकर कोरकू समुदाय के लोगों की बुनियादी जरूरतों को नजरअंदाज किया। यह बहुत गंभीर मामला है।
उन्होंने कहा कि कोरकू गोंड बस्ती की समस्या का तुरंत समाधान करें, अन्यथा युवा क्रांति संगठन स्थानीय कोरकू गोड समुदाय के नागरिकों को साथ लेकर अपने कार्यालय के सामने धरना दिए बिना नहीं रुकेगा ऐसा इशारा दिया गया।