
कोयला खदान क्षेत्र (सौजन्य-नवभारत)
CBI Raid Chandrapur: वेकोलि वणी क्षेत्र के निलजई कोयला खदान और महामाया कोलवाशरीज में गुरूवार को केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो और वेकोलि की विजिलेंस के अधिकारियों की 12 सदस्यीय टीम ने एक साथ चार जगहों पर छापेमारी की। जिसमें निलजई खदान, महामाया कोलवाशरीज, वेबब्रिज, उपक्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय में पहुंचकर आवश्यक दस्तावेजों की जांच की।
गौरतलब है कि महामाया कोलवाशरीज और निलजई खदान में जारी अनियमितताओं की शिकायतों को लेकर इस कार्यवाही कोअंजाम दिया गया है। इस कार्यवाही से पूरे खदान क्षेत्र में खलबली मच गई है। प्राप्त जानकारी अनुसार टीम ने उपक्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय में वेकोलि के वरिष्ठ अधिकारियों से पूछताछ की।
बताया जाता है कि निलजई कोयला खदान से महामाया कोलवाशरीज को कोयला सप्लाई होता है। जहां कोयले की धुलाई होकर उच्च गुणवत्तापूर्ण कोयला कनार्टक के रायचुर थर्मल पॉवर में भेजा जाता है। यह कोयला बिजली उत्पादन के लिए इस्तेमाल होता है। इसका डीओ नंबर 1110013738 है। निलजई खदान से जी 13 ग्रेड का कोयला उठाकर उसे प्रक्रिया कर आगे भेजना है।
इस बीच ट्रान्सपोर्टरों के साथ मिलीभगत कर वाशरीज प्रबंधन द्वारा उच्च गुणवत्ता वाला जी 10 का कोयला खदान से उठाकर करोड़ों रुपयों का हेरफेर किया जा रहा है। इससे वेकोलि को करोड़ों रुपयों का नुकसान हो रहा है। इन्हीं सभी शिकायतों के आधार पर सीबीआई और विजिलेंस टीम ने उक्त छापेमारी की है।
गुरूवार से जारी इस छापेमारी में शुकवार देर रात तक अधिकारियों से पूछताछ होती रही और आवश्यक दस्तावेज एकत्रित कर टीम शनिवार की सुबह रवाना हो गई।
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महामाया कोल वाशरीज, हिंद एनर्जी, क्लीनकोल ग्रुप की कंपनी बतायी जाती है। वाशरीज को 20 प्रश रिजेक्ट कोयले को खुले मार्केट में बेचने का अधिकार प्राप्त है। परंतु इसमें भी 20 प्रश रिजेक्ट कोल को बेचने के लिए कोल कंट्रोलर ऑफिस से अनुमति लेना जरूरी है।
परंतु यहां ऐसा नहीं हो रहा है। सभी नियमों को ताक पर रखकर वाशरीज कोयले में गड़बड़ी कर करोडों रुपये का मुनाफा कमाने में लगी हुई है। इस संदर्भ में जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो वाशरीज के स्थानीय प्रभारी ने बताया कि इस बारे में उन्हें किसी भी तरह की जानकारी नहीं है।
छापेमारी के बाद टीम ने वाशरीज कर्मचारियों, संबंधित ट्रान्स्पोर्टर के दस्तावेज जब्त किए है। कुछ कर्मचारियों की तलाशी भी ली गई। सूत्रों के मुताबिक सीबीआई की यह कार्यवाही अन्य कोयला खदानों और क्षेत्र में स्थापित कोल डिपो पर भी होने की संभावना जतायी जा रही है।






