चंद्रपुर जिले में बाघों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Chandrapur News: ‘बाघों की भूमि’ के नाम से प्रसिद्ध चंद्रपुर जिले में पिछले कुछ वर्षों से बाघों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की जा रही है। वन विभाग के अनुसार, मौजूदा रफ्तार को देखते हुए वर्ष 2026 की बाघ गणना तक जिले में बाघों की संख्या 300 के पार पहुंच सकती है।
राष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक चार वर्ष में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) द्वारा बाघों की गणना की जाती है। आगामी गणना वर्ष 2026 में निर्धारित है, जिसकी तैयारियां नवंबर से शुरू हो जाएंगी।
पिछली राष्ट्रीय बाघ गणना 2022 की रिपोर्ट (जुलाई 2024 में जारी) के अनुसार, चंद्रपुर जिला दुनिया के किसी भी एक जिले में सबसे अधिक बाघों की उपस्थिति वाला क्षेत्र रहा है।
इस रिपोर्ट में जिले में 250 से अधिक बाघों की उपस्थिति दर्ज की गई थी। वन अधिकारियों के अनुसार, उस समय शावकों और अवयस्क बाघों को शामिल नहीं किया गया था, जिनकी संख्या लगभग 100 थी। इसी आधार पर अनुमान लगाया जा रहा है कि अगली गणना में कुल संख्या 300 से अधिक पहुंच सकती है।
चंद्रपुर जिले में चार प्रमुख वन क्षेत्र हैं
पिछली गणना (2022) के अनुसार:
चंद्रपुर से सटे गडचिरोली जिले में एक समय पर बाघों की संख्या शून्य थी। लेकिन हाल के वर्षों में वहां भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वर्तमान में 27 से अधिक बाघ गडचिरोली के जंगलों में देखे जा रहे हैं।
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वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि चंद्रपुर जिला एक बार फिर विश्व स्तर पर सर्वाधिक बाघ आबादी वाला जिला बनने की दिशा में अग्रसर है। विभाग की टीमें गणना की तैयारी में जुटी हैं और बाघ संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।