सांकेतिक तस्वीर (सोर्स-सोशल मीडिया)
चंद्रपुर: पट्टेदार बाघों के लिए देश दुनिया में प्रसिध्द ताड़ोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व में प्रतिवर्ष के भांति इस वर्ष भी पर्यटकों की भीड़ नजर आनेवाली है। दीपावली के अवकाश को देख देश व विदेश के पर्यटकों ने अग्रिम बुकिंग करा रखी है। इसके चलते सभी प्रवेशद्वारों से इस सप्ताह भर में पर्यटकों की रेलचेल नजर आयेगी।
मानसून में बंद रखने के बाद ताडोबा के कोर क्षेत्र को 2 अक्टूबर को खोला गया और पहले ही दिन यहां कोर में बडी संख्या में पर्यटकों ने सफारी का मजा लिया था। उसके बाद से लगातार निरंतर रूप से कोर क्षेत्र में पर्यटकों की संख्या बढ रही है। ताडोबा के कोर क्षेत्र में मोहर्ली, खुंटवडा, नवेगांव, कोलारा, झरी और पांगडी प्रवेशद्वार से पर्यटकों की एन्ट्री होती है जबकि बफर जोन में पूरे साल भर पर्यटकों का आवागमन होता है।
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उल्लेखनीय है कि चंद्रपुर जिले में पर्यटल की दृष्टि से देखा जाए तो वर्तमान में ताड़ोबा-अंधारी परियोजना देश के ही नहीं, बल्कि विदेशों के सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित किए हुए हैं। देश के सर्वाधिक बाघ यहां अभयारण्य में उपलब्ध है। इनकी संख्या 100 से अधिक है। यही कारण है अधिवास के लिए संघर्ष के चलते कई बार बाघों को समीपस्थ के रिहायशी क्षेत्रों में प्रवेश करते हुए पाया गया है।
हाल के दिनों में ऐसी घटनाएं काफी बढी है। बाघ के अलावा इस अभयारण्य में तेंदूए, चीतल, सांभर, नीलगाय, जंगली भैसे,भालू, मोर, जंगली मुर्गिया, जंगली सूअर, बंदर, हाथी और बदलते मौसम में आनेवाले विदेशी पक्षी, दुर्लभ प्रजाति के वन्यजीव आदि है।इतने बड़े पैमाने पर वन्यजीवों का स्वच्छंद विचरण देखने के लिए यहां पर्यटक खींचे चले आते हैं।
ताड़ोबा देश विदेश के पर्यटकों की पहली पसंद होने के कारण यहां महीनों पूर्व बुकिंग करनी पड़ती है। इसके बाद ही पर्यटन का मौका मिल पाता है। साधारणत: ऑनलाइन बुकिंग के लिए 60 गाड़ियों का आरक्षण होता है, जिन्हें 6 प्रवेशद्वारों से प्रवेश दिया जाता है। सर्वाधिक गाड़ियां मोहुर्ली गेट से प्रतिदिन 32 वाहनों को प्रवेश दिया जाता है। कोलारा से 12, नवेगांव से 06, खुटवंडा से 04, झरी से 04, पांगडी से 02 वाहनों को प्रतिदिन प्रवेश दिया जाता है।
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इसी तरह तत्काल बुकिंग के लिए कुल 18 गाडियों को प्रतिदिन प्रवेश दिया जाता है। इसमें मोहुर्ली से 08, कोलारा से 06, नवेगांव से 02,खुटवंडा से 02 वाहनों को प्रवेश दिया जाता है। सप्ताह में केवल मंगलवार को कोअर और बफर में पर्यटन नहीं होता है। शेष दिनों के लिए अभयारण्य पर्यटन के लिए शुरू रहता है। इसमें सुबह 6 बजे और दोपहर 2।30 बजे दो टाईम में प्रवेश दिया जाता है। साधारणत: 6 घंटे तक पर्यटक सफारी कर सकते है।