ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व का दृश्य (सोर्स: सोशल मीडिया)
Tadoba Andehari Tiger Reserve Entry Fee News: ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व का प्रवेश शुल्क आम नागरिकों की पहुंच से बाहर होने से चंद्रपुर जिले के नागरिकों में गहरा असंतोष है। खासकर शनिवार और रविवार को कोर जोन में 12,600 रुपये का भारी-भरकम शुल्क स्थानीय लोगों के लिए ताडोबा दर्शन को महज एक ‘स्वप्न’ बना रहा है। इसी पृष्ठभूमि में, जिले की सांसद प्रतिभा धानोरकर ने वन मंत्री गणेश नाइक को पत्र लिखकर शुल्क में तत्काल कमी करने की मांग की है।
चंद्रपुर जिले में बड़े पैमाने पर मानव-वन्यजीव संघर्ष चल रहा है। जहां एक ओर बाघों के हमलों में नागरिक अपनी जान गंवा रहे हैं, वहीं उसी ज़िले के लोगों को बाघ के दर्शन के लिए हज़ारों रुपये चुकाने पड़ रहे हैं। स्थानीय लोगों की मांग है कि इस कुप्रथा को तुरंत रोका जाए।
जोन | दिन | प्रवेश शुल्क (₹) |
---|---|---|
कोर | सोमवार – शुक्रवार | 8,600 |
कोर | शनिवार – रविवार | 12,600 |
बफ़र | सोमवार – शुक्रवार | 7,300 |
बफ़र | शनिवार – रविवार | 10,300 |
सांसद प्रतिभा धानोरकर ने कहा कि ताडोबा जाने के लिए स्थानीय नागरिकों से केवल 2700 रुपये वाहन शुल्क और 600 रूपये गाइड शुल्क लिया जाना चाहिए। चंद्रपुर ताडोबा टाइगर रिजर्व के कारण जाना जाता है, लेकिन आज यह ताडोबा के लोगों के लिए एक पराया बन गया है। हम इस अन्याय को कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे।
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सांसद प्रतिभा धानोरकर ने वन मंत्री को स्पष्ट और अंतिम चेतावनी दी है कि यदि 1 अक्टूबर से शुरू हो रहे नए पर्यटन सत्र से पहले स्थानीय नागरिकों के लिए शुल्क कम करने का निर्णय लागू नहीं किया गया, तो 1 अक्टूबर को ताड़ोबा में एक भी जिप्सी को प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।
सांसद प्रतिभा धानोरकर ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यह चेतावनी केवल एक मांग नहीं, बल्कि चंद्रपुर के नागरिकों के अधिकारों के लिए एक बड़ा और निर्णायक आंदोलन है। सरकार से इस गंभीर मुद्दे पर तुरंत ध्यान देने और स्थानीय लोगों को न्याय दिलाने की प्रबल अपेक्षा है।