विकास के मुद्दे पर दावे-प्रत्यादावे (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Development Issue Politics: नागभीड़. नागभीड़ नगर परिषद चुनाव की मतगणना 21 दिसंबर को होगी। चूंकि दोनों बड़ी पार्टियों-कांग्रेस और भाजपा के दिग्गज नेताओं की साख इस चुनाव में दांव पर लगी है, इसलिए राजनीतिक हलकों में उत्सुकता बढ़ी हुई है। मतदान प्रतिशत में हुए इज़ाफे की वजह से कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। यहां विकास का मुद्दा कितना असरदार रहा है, यह परिणाम आने के बाद ही स्पष्ट होगा।
कांग्रेस द्वारा नगर परिषद बनाने के विरोध, विकास कार्यों में कथित नकारात्मक भूमिका और भाजपा के विकास कार्यों के दावों को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, कांग्रेस की इस चुनाव में की गई मेहनत और भाजपा के संगठित चुनाव प्रचार के चलते दोनों दलों में कांटे की टक्कर संभव है।
नागभीड़ नगर परिषद चुनाव 2025 के लिए 2 दिसंबर को शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हुआ, जिसमें 78.53% मतदान दर्ज किया गया। यह प्रतिशत जिले में सबसे अधिक बताया जा रहा है।कई वार्डों में चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल बन गया था।भाजपा की ओर से विधायक भांगडिया के मार्गदर्शन में पूर्व ज़िप सदस्य संजय गजपुरे, तालुकाध्यक्ष संतोष रडके, प्रो. डॉ. अमीर धम्मानी और अजय काबरा ने जोरदार प्रचार किया। वहीं कांग्रेस की ओर से पूर्व मंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने कई वार्डों में व्यापक प्रयास किए।
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कांग्रेस का दावा है कि वह नगराध्यक्ष पद के साथ 14 सीटों पर जीत दर्ज करेगी, जबकि भाजपा ने बहुमत से सत्ता में आने की बात कही है। चुनाव निर्णय अधिकारी तहसीलदार प्रताप वाघमारे ने बताया कि पुलिस प्रशासन की सतर्कता और मतदाताओं के सहयोग से चुनाव शांतिपूर्ण रहे। वर्तमान में स्ट्रांग रूम कड़ी निगरानी में है और मतगणना के दौरान सभी आवश्यक सावधानियां बरती जाएंगी।