पटवारी द्वारा जब्त किया गया मुरुम (फोटो नवभारत)
Murum Theft in Chandrapur: चंद्रपुर जिले के चांदसुर्ला(खैरगांव) में 150 मीटर गिट्टीकरण के लिए 8 लाख रुपये का काम शुरू है। कार्यस्थल से कुछ दूरी पर सैकडों ब्रास मुरुम रखा हुआ था। कुछ लोगों की शिकायत पर क्षेत्र के पटवारी वाघाडे ने जुलाई 2025 में मुरुम जब्त कर उसे देखरेख के लिए खैरगांव के पुलिस पाटिल शंकर ताजने को सौंप दिया था।
आरोप है कि जब्त किए गए मुरुम के ढेर से कई ट्रक्टर मुरुम गायब कर दिया गया है। मतलब पटवारी द्वारा जब्त किया गया मुरुम गैरकानूनी ढंग से बाहर ले जाया गया। ऐसी स्थिति में मुरुम चोरी की थाने में शिकायत होनी चाहिए था। परन्तु 15 दिन बीत जाने के बाद भी कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई है।
चंद्रपुर के खैरगांव में राजू कातकर के घर से पेंदोर के घर तक 150 मीटर रोड के गिट्टीकरण करने का काम सार्वजनिक बांधकाम विभाग के देख रेख में एक ठेकेदार के माध्यम से हो रहा है। यह जांच का विषय है कि जब्त किए गए मुरुम की चोरी हुई तो वह कहां ले जाया गया।
सैकडों ब्रास मुरुम का ढेर जब पटवारी द्वारा जब्त किया गया और पुलिस पाटिल को देख रेख का जिम्मा दिया गया तो उसमें से मुरुम चोरी कैसे क्या हो गया? मुरुम चोरी हुआ या पुलिस पाटिल ने सहमति से किसी को दिया या पटवारी ने पहले मुरुम जब्त किया बाद में समझौता कर लिया। या कोई ठेकेदार का मुरुम गायब करने में हाथ है। इन सभी सवालों की गुत्थी सुलझाने के लिए पुख्ता जांच की जरूरत है।
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जानकारी अनुसार सभी पक्ष अपने आप को बचाने के लिए एक दूसरे को मदद करने में लगे हैं। यानी मुरुम जब्ती के इस प्रकरण में चोर-चोर मौसेरे भाई वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। इस मामले की जांच हो गई तो कईयों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।