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विट्ठलवाड़ा में मुगलकालीन सिक्का मिला, गोंडपिपरी के इतिहास में नया अध्याय

Vitthalwara News: गोंडपिपरी तालुका के छोटे से गाँव विट्ठलवाड़ा में एक मुगलकालीन ताँबे के सिक्के की खोज ने स्थानीय लोगों और इतिहासकारों के बीच एक बड़ी बहस छेड़ दी है।

  • By आंचल लोखंडे
Updated On: Oct 15, 2025 | 05:46 PM

विट्ठलवाड़ा में मुगलकालीन सिक्का मिला (सौजन्यः सोशल मीडिया)

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Chandrapur District: गोंडपिपरी तालुका के छोटे से गाँव विट्ठलवाड़ा में एक मुगलकालीन ताँबे के सिक्के की खोज ने स्थानीय लोगों और इतिहासकारों के बीच एक बड़ी बहस छेड़ दी है। जैसे ही यह जानकारी सामने आई कि यह सिक्का गाँव के निवासी विनोद मडावी के घर के आँगन में मिला है, पूरे इलाके में ऐतिहासिक जिज्ञासा पैदा हो गई है। माना जाता है कि इस घटना ने गोंडपिपरी तालुका में मुगलकालीन बसावट के ठोस प्रमाण प्रदान किए हैं।चंद्रपुर जिले का इतिहास गोंडराजाओं की गौरवशाली परंपरा में डूबा हुआ है।

गोंडराजाओं द्वारा निर्मित किले, मंदिर और प्राचीन संरचनाएँ आज भी जिले की समृद्ध विरासत की गवाही देती हैं। अब, इस ऐतिहासिक धरोहर में मुगलकालीन काल से जुड़े एक और प्रमाण की खोज से इतिहास प्रेमियों में जिज्ञासा बढ़ गई है। मिला सिक्का ताँबे का बना है और गोल है। इसका वजन लगभग 10 ग्राम है और यह लगभग एक रुपये के सिक्के के आकार का है।प्रारंभिक जाँच से अनुमान लगाया गया है कि यह सिक्का 1556 से 1707 ई। के बीच का है, यानी इसका संबंध मुग़ल बादशाह अकबर से लेकर औरंगज़ेब तक के शासनकाल से हो सकता है।

मुगलकालीन बसावट के ठोस प्रमाण हाथ लगे

सिक्के के दोनों ओर फ़ारसी लिपि में लेख हैं और कुछ अक्षर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं। इतिहासकार अरुण झगड़कर ने प्रारंभिक जाँच के बाद बताया कि अनुमान है कि इस सिक्के पर मुग़ल बादशाह का नाम और उस काल का ईस्वी सन् या हिजरी लिखा हुआ है। उन्होंने कहा, “यह फ़ारसी लिपि 15वीं से 18वीं शताब्दी के बीच मुग़ल साम्राज्य की मुद्राओं में प्रचलित थी।इसलिए यह सिक्का एक अत्यंत मूल्यवान ऐतिहासिक साक्ष्य है। इससे पहले, गोंडपिपरी तालुका के कुछ गाँवों में खुदाई के दौरान इसी तरह के मुग़लकालीन सिक्के मिले थे।। इसलिए, शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि इस क्षेत्र में मुग़ल बस्ती, व्यापारिक आदान-प्रदान या सैन्य छावनी रही होगी।

पुरातत्व विभाग इस स्थान पर जाँच और शोध करे

इतिहासकारों के अनुसार, यदि इस क्षेत्र में गहन शोध और उत्खनन किया जाए, तो गोंडपिपरी तालुका के इतिहास और विशेष रूप से मुग़लकालीन बस्तियों पर नई रोशनी डाली जा सकती है। इसलिए, स्थानीय नागरिकों की माँग है कि पुरातत्व विभाग इस स्थान पर जाँच और शोध करे। विट्ठलवाड़ा गाँव में मिला यह सिक्का महज़ धातु का एक टुकड़ा नहीं, बल्कि अतीत से जुड़ी एक अहम कड़ी है—जो किसी ज़माने में गोंडपिपरी की धरती पर मुगलों के प्रभाव और बसावट की गवाही देता है।

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ऐतिहासिक महत्व

विट्ठलवाड़ा के विनोद मडावी ने कहा कि यह सिक्का कुछ दिन पहले हमारे घर के आँगन में खुदाई करते समय मिला था। शुरुआत में तो हमने ध्यान नहीं दिया, लेकिन बाद में सिक्के पर लिखी इबारत देखकर हमारी उत्सुकता बढ़ गई। फिर हमने इसे साफ़ करके सुरक्षित रख लिया। दिलचस्प बात यह है कि कुछ साल पहले इसी घर के आस-पास एक मिट्टी की चिलम, एक छड़ी और एक लोहे की प्लेट भी मिली थी। उस समय उन वस्तुओं को अनावश्यक समझा जाता था।हालाँकि, अब इस नई खोज के साथ, यह संदेह व्यक्त किया जा रहा है कि उन वस्तुओं का भी ऐतिहासिक महत्व हो सकता है।

सांस्कृतिक महत्व

इतिहास विद्वान अरुण झगड़कर ने कहा कि गोंडपिपरी क्षेत्र में मिले मुगल सिक्के इतिहास की अमूल्य धरोहर के प्रमाण हैं। ये सिक्के उस समय की आर्थिक व्यवस्था, शिल्पकला और सरकार के प्रभाव की झलक प्रदान करते हैं। ऐसी खोजें स्थानीय इतिहास को समृद्ध बनाती हैं और हमारे क्षेत्र के सांस्कृतिक महत्व को उजागर करती हैं।

Mughal era coin was found in vitthalwara

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Published On: Oct 15, 2025 | 05:46 PM

Topics:  

  • Archaeological Department
  • Chandrapur
  • Maharashtra

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