बाघ (सोर्स: सोशल मीडिया)
Human-Wildlife Conflict Rising In Chandrapur: चंद्रपुर जिले की बल्लारपुर तालुका के कोठारी गांव से एक किलोमीटर दूर एक खेत में अरुण विरुतकर के दो बैलों को बाघ ने मार डाला। इससे स्थानीय किसानों और निवासियों में दहशत फैल गई है। यह घटना गुरुवार की सुबह के आसपास हुई।
कोठारी गांव के निवासी और दूसरे किसान भी इस घटना से परेशान हैं और वनविभाग से सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। यह घटना जंगली जानवरों और जानवरों और इंसानी आबादी के बीच बढ़ते टकराव को साफ दिखाती है। स्थानीय निवासियों और जानवरों की सुरक्षा करना जरूरी है।
हाल के दिनों में बाघों की संख्या बढ़ने से स्थानीय खेती और पशुपालन पर दबाव पड़ा है। इस घटना के बारे में अरुण विरुटकर ने कहा कि मेरे दो बैल सुबह के आसपास खेत में बंधे हुए थे, तभी अचानक एक बाघ आया और उन पर हमला कर दिया। और बैलों को मौके पर ही मार डाला। यह घटना मेरे लिए बहुत दुखद और चौंकाने वाली है। अब मेरे पास खेत जोतने के लिए बैल नहीं है, इसलिए इसका असर मेरी खेती और आय पर पड़ेगा।
आसान शब्दों में कहें तो यह घटना न सिर्फ अरुण विरुटकर के लिए एक निजी नुकसान है, बल्कि पूरे गांव और इलाके के किसानों के लिए भी एक गंभीर चेतावनी है। वनविभाग को तुरंत जांच कर नुकसान का मुआवजा देना चाहिए।
पिछले कई दिनों से कोठारी इलाके में मानव-वन्यजीव का टकराव देखने को मिल रहा है। कई लोगों की फसलों के नुकसान के साथ-साथ जानवरों का भी नुकसान हो रहा है। गांव में बाघ और तेंदुए घूम रहे हैं। लोग डरे हुए हैं और किसान परेशान हैं। ऐसे में वनविभाग की यह जिम्मेदारी है कि वह इंसानों और पालतु जानवरों के रहने की जगहों को जंगली जानवरों से सुरक्षित और संतुलित रखे।
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सीनियर सोशल वर्कर सुरेश चहारे ने कहा कि खेत और गांव में बाघ और तेंदुए का आगमन हो रहा है, जिससे वहां के लोग और किसान डरे हुए हैं। कल ही गांव में एक तेंदुआ घुस आया था, इसलिए इंसानों, जानवरों और जंगली जानवरों के बीच टकराव को कम करने के लिए कदम उठाने की ज़रूरत है। इसके साथ ही नुकसानग्रस्त किसान अरुण विरुटकर को तुरंत मुआवज़ा दिया जाना चाहिए।