
प्रतीकात्मक तस्वीर (AI Generated)
Maharashtra State Disaster: महाराष्ट्र में मानव-वन्यजीव के बीच बढ़ते संघर्ष की पृष्ठभूमि पर बाघ और तेंदुए के हमलों को अब राज्य की आपदा घोषित किया गया है, साथ ही वन्यजीव हमले में मृत व्यक्ति के परिवार के एक सदस्य को शासकीय नौकरी में समायोजित किए जाने की महत्वपूर्ण घोषणा राज्य के वन मंत्री गणेश नाईक ने की है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि मृत व्यक्ति के परिवार के वारिस को नौकरी देते समय उनके बेसिक पे, डीए एवं स्थायीकरण से संबंधित सभी जानकारी राज्य सरकार को विधिवत भेजी जाएगी। यह कार्य केवल सरकार के कर्तव्य का हिस्सा है, इसमें किसी प्रकार की मेहरबानी नहीं है।
वन मंत्री गणेश नाईक ने कहा कि मानव बस्तियों में घुसकर नागरिकों पर हमला करने वाले वन्यजीवों के प्रबंधन को लेकर भी कुछ महत्वपूर्ण एवं कठोर निर्णय लिए जा रहे हैं। अत्यधिक आक्रामक तेंदुओं और बाघों को मारने संबंधी नियमों में ढील देने के उद्देश्य से इन्हें शेड्यूल-1 से हटाकर शेड्यूल-2 में शामिल करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।
यह भी पढ़ें:- महाराष्ट्र से अलग होगा विदर्भ? मंत्री बावनकुले के बयान से गरमाई सियासत, बोले- हम उस ओर…
नाईक ने कहा कि इस भूमिका पर सरकार ने जोर दिया है कि जब लोगों के जीवन पर संकट हो, तब प्रशासन केवल देखता न रहे। तेंदुए और बाघों के हमले को राज्य आपदा घोषित किए जाने के कारण अब प्राकृतिक आपदा की तरह ही प्रभावितों को सहायता और उपाय प्रदान किए जाएंगे।
केंद्र सरकार के वन विभाग ने कुछ वन्यजीवों की नसबंदी की अनुमति भी दी है, जिस पर शोध और विकास के आधार पर आगे उचित निर्णय लिया जाएगा। कुछ तेंदुओं को अन्य राज्यों या अन्य देशों में भेजने के लिए केंद्र की अनुमति मिलने के बाद कार्यवाही की जाएगी। शिरूर की घटना पर बोलते हुए वन मंत्री ने कहा कि पुणे जिले के शिरूर में हाल ही में हुई 3 घटनाओं को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को तुरंत निर्देश दिए गए हैं।






