धान कटाई में मजदूरी और किराया बढ़ा (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Harvester Rent Chandrapur: चंद्रपुर जिले की मूल तहसील में इस समय धान कटाई और निर्माण कार्य तेजी पर हैं। फसल पकने के बाद किसानों ने कटाई शुरू कर दी है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों की कमी के कारण उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। परिणामस्वरूप मजदूरी की दरें और मशीनों का किराया काफी बढ़ गया है। मूल तहसील के भेजगांव, सुशी, चिचाला, येरगांव, दहेगांव, येजगांव, हल्दी, मारोडा, राजोली, बेम्बाल, दाबगांव, चिरोली फिस्कुटी और केलझर आदि इलाकों में बड़े पैमाने पर कटाई कार्य चल रहा है।
मजदूरों की संख्या कम होने से किसान अब हार्वेस्टर मशीनों का सहारा ले रहे हैं। मांग अधिक होने के कारण मशीन का किराया बढ़कर 1200 से 1500 रुपये प्रति एकड़ हो गया है। वहीं मजदूरी जो पहले 200 से 250 रुपये थी, वह अब 300 से 400 रुपये तक पहुंच गई है। महिलाओं की मजदूरी 500 रुपये तक हो चुकी है। कुल मिलाकर किसानों की उत्पादन लागत में 30 से 40 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज की गई है।
कटाई, भंडारण और परिवहन सहित सभी गतिविधियों में श्रम दर बढ़ने के चलते किसानों की आय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है। किसानों का कहना है कि उर्वरक, बीज और ईंधन की बढ़ती कीमतों के कारण कृषि पहले से ही घाटे की ओर बढ़ रही है।
मूल तहसील धान उत्पादन का प्रमुख क्षेत्र है। मजदूरों की कमी देखते हुए किसान हार्वेस्टर मशीनें किराए पर लेने को मजबूर हैं। हालांकि मशीनों की संख्या सीमित होने और मांग अधिक होने से किसानों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। किराया 1200 से 1500 रुपये प्रति एकड़ निर्धारित किया गया है। फिर भी मजदूरों की अनुपलब्धता के कारण किसान कटाई और थ्रेसिंग दोनों के लिए हार्वेस्टर को प्राथमिकता दे रहे हैं।
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मारोडा के किसान हर्षल वालके ने कहा कि “धान की फसल तैयार है लेकिन मजदूर नहीं मिल रहे। मशीनों के दाम भी आसमान छू रहे हैं। कटाई में देरी हुई तो बारिश का खतरा मौजूद है। ऐसे में समझ नहीं आ रहा क्या करें।”