
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
 
    
 
    
Chandrapur Chaklohara Villagers Election Boycott: चंद्रपुर जिले के चिमूर से तीन किलोमीटर दूर चकलोहारा के निवासियों के लिए पिछले 40 वर्षों से मुख्य सड़क नहीं बनी है। इस कारण नागरिकों को आज भी सड़क के अभाव में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए, समस्त ग्रामीणों ने आगामी चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में चिमूर की प्रभारी तहसीलदार नीलिमा रंगारी को एक ज्ञापन दिया गया है।
चकलोहारा 700 की आबादी वाला एक गांव है और समूह ग्राम पंचायत चकजातेपार के अंतर्गत आता है। इस गांव को शंकरपुर, चकजातेपार, डोमा मार्ग से डेढ़ किलोमीटर अंदर जाना पड़ता है। डेढ़ किलोमीटर की यह सड़क बदहाल है। इस सड़क पर पैदल यात्रियों का चलना भी मुश्किल हो गया है।
डेढ़ किलोमीटर की दूरी तय करने में दोपहिया और चार पहिया वाहनों को लगभग पंद्रह से बीस मिनट लगते हैं। यह सड़क 40 साल पहले बनी थी। उसके बाद से इस सड़क की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया। इस सड़क की पूरी गिट्टी खुली हुई है और ढेर सारे गड्ढे हैं। ग्रामीण खुद ही दोपहिया और चार पहिया वाहनों के लिए इस गाँव से गुजरने के लिए सड़क के किनारे कच्चा रास्ता बना रहे हैं।
गांव के युवा संदीप ठाकरे, विशाल चौधरी, प्रफुल चौधरी, अतुल चौधरी, प्रवीण चौधरी, प्रमोद चौधरी, दिलीप चौधरी, मारुति चौधरी, देवा मेश्राम ने लिखित निवेदन दिया है कि जब तक इस डेढ़ किलोमीटर लंबी सड़क की मरम्मत नहीं हो जाती, वे आगामी चुनाव का बहिष्कार करेंगे। इस अवसर पर वंचित बहुजन आघाड़ी के जिला अध्यक्ष शुभम मंडपे और किशोर घोनमोड़े उपस्थित थे।
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इस गांव के सामने वाघई नामक एक मंदिर है, जो एक धार्मिक स्थल है। डोंगरगाँव नामक एक तालाब है। क्षेत्र के लोग इन दोनों क्षेत्रों में पर्यटन के लिए जाते हैं। इस सड़क के कारण पर्यटक भी नहीं जाते हैं। सड़क की दुर्गमता के कारण पर्यटकों ने भी पर्यटन स्थलों से मुँह मोड़ लिया है। इस सड़क की मरम्मत के लिए प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को लिखित में ज्ञापन दिया जा चुका है। लेकिन अभी तक इस सड़क पर ध्यान नहीं दिया गया है।






