धान की फसल (सोर्स: सोशल मीडिया)
Chandrapur Brahmpuri Farmers Problem: भारत एक कृषि प्रधान देश है, लेकिन चंद्रपुर की ब्रह्मपुरी तहसील के धान किसान आज गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं। क्षेत्र में धान की खेती आमतौर पर किसानों की आय का मुख्य स्रोत है, लेकिन तकनीकी मार्गदर्शन और समय पर प्रशासनिक मदद की कमी ने किसानों की परेशानियों को बढ़ा दिया है।
ब्रह्मपुरी के किसानों का आरोप है कि कृषि विभाग के अधिकारी और कर्मचारी केवल कागज़ों पर ही मौजूद रहते हैं और खेतों में जाकर किसानों से संवाद, रोगों का निदान या समाधान सुझाने का कार्य अब नहीं करते।
धान की फसलों में कॉपर रस्ट, स्कैब और लीफ स्पॉट जैसी बीमारियों के साथ-साथ कीट और कृमियों का प्रकोप भी लगातार बढ़ रहा है। सही समय पर निदान और उपचार न होने से फसल उत्पादन पर नकारात्मक असर पड़ने की संभावना बढ़ गई है।
किसान अब अपने अनुभव या कृषि केंद्रों पर विक्रेताओं की सलाह पर निर्भर हो गए हैं, जिससे गलत दवाओं और उर्वरकों के प्रयोग की दर बढ़ रही है। इसके कारण उत्पादन लागत भी बढ़ गई है और किसानों को आर्थिक नुकसान का खतरा है।
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चंद्रपुर जिले के किसानों का कहना है कि कृषि सहायक और कृषि सेवक केवल रिकॉर्ड भरने तक ही सीमित रहते हैं और वास्तव में उनकी मदद नहीं करते। इसके अलावा, विभिन्न सरकारी योजनाओं, फसल बीमा और रोग निदान शिविरों का आयोजन केवल दिखावे के लिए किया जा रहा है, जिससे किसानों को वास्तविक लाभ नहीं मिल रहा।
किसानों ने प्रशासन से तुरंत कदम उठाने की मांग की है। उनकी अपेक्षा है कि धान के मौसम में तत्काल रोग निदान शिविर लगाए जाएं, खेतों का दौरा किया जाए और किसानों को दवा, उर्वरक प्रबंधन और कीट नियंत्रण में उचित तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान किया जाए। किसानों का कहना है कि इससे न केवल उनकी फसल बचाई जा सकेगी, बल्कि उत्पादन भी बढ़ेगा और आर्थिक नुकसान से बचा जा सकेगा।
ब्रह्मपुरी के किसान अब विभाग से वास्तविक मदद की उम्मीद लगाए बैठे हैं और उनका कहना है कि अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो धान उत्पादन और स्थानीय कृषि अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।