भेंडवल की भविष्यवाणी (सौजन्य-सोशल मीडिया)
खामगांव: बुलढाना जिले की प्रसिद्ध भेंडवल की भविष्यवाणी घोषित कर दी गई है। घोषणा में हाल ही में हुए पहलगाम हमले के संबंध में बताया गया कि भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध तो नहीं होगा मगर सीमा पर तनाव चरम पर रहेगा। देश के प्रधानमंत्री भी टेंशन में रहेंगे। देश में बड़ी वित्तीय कमी भी होगी। विदेशी शत्रुओं से बड़ी परेशानी बढ़ेगी।
घोषणा से पहले चंद्रभान महाराज के वंशज सारंगधर महाराज ने घट रचना का अवलोकन किया। करीब 350 वर्षों से चली आ रही इस परंपरा के तहत कृषक समुदाय से लेकर राजनीतिक क्षेत्र तक की जानकारी दी जाती है। विभिन्न क्षेत्रों के लोग इस भविष्यवाणी पर नजर रखते हैं। यह भविष्यवाणी अक्षय तृतीया के दूसरे दिन घोषित की गई। इस दौरान राज्य सहित अन्य राज्यों से भी किसान और नागरिक शामिल हुए।
भविष्यवाणी में आने वाली फसल, बारिश और प्राकृतिक विपत्तियों के बारे में बताया जाता है। इस वर्ष फसल और पानी सामान्य है लेकिन कपास की फसल में रोग लगने की अधिक संभावना है। अन्य फसलें सामान्य रूप से पैदावार देंगी। गेहूं, चना, उड़द, मूंग, ज्वार और अरहर जैसे कृषि उत्पादों को अच्छे दाम नहीं मिलेंगे और मंदी आएगी।
जुलाई में बहुत अधिक बारिश होगी। अगस्त में नुकसान पहुंचाने वाली बारिश होगी और सितंबर में बहुत अधिक बारिश होगी। इस वर्ष देश में बाढ़ और भूकंप जैसी आपदाओं का खतरा अधिक रहेगा। यह भी अनुमान लगाया गया कि इस वर्ष फसलें औसत रहेंगी तथा मानसून भी अच्छा रहेगा।
अक्षय तृतीया की शाम को जलगांव जामोद तहसील में गांव के बाहर बस स्टैंड के पास एक मैदान में घट रचना का आयोजन किया गया। घट में 18 प्रकार के अनाज रखे गए। इनमें गेहूं, ज्वार, अरहर, उड़द, मूंग, चना, अलसी, तिल, भड़ली, बाजरा, चावल, सन, ज्वार, मटर, मसूर और काला चना शामिल हैं। घट के मध्य में मिट्टी का एक टीला बनाया जाता है जिसके ऊपर पानी से भरा एक घड़ा रखा जाता है।
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इसमें पान, पूरी, पापड़, संडोली और कुरदाई जैसे खाद्य पदार्थ रखे जाते हैं। वहां कोई भी रात भर नहीं रुकता। अगली सुबह इसमें परिवर्तन देखा जाता है। कुल मिलाकर हर साल अक्षय तृतीया के दूसरे दिन होने वाली घट रचना के बारे में भले ही कोई खुलकर बात नहीं करता लेकिन इसे लेकर उत्साह आज भी बरकरार है।