बॉम्बे हाई कोर्ट
मुंबई: बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हुई कथित गड़बड़ियों की याचिका को खारिज कर दिया है। सुनवई के बाद कोर्ट ने चेतन अहिरे की ओर से लगाए गए आरोपों को निराधार बताया। जस्टिस जीएस कुलकर्णी और आरिफ डॉक्टर की बेंच ने कहा इस याचिका में कोई ठोस आधार नहीं है। ऐसे में हम इसे खारिज करते हैं। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि चुनाव में 6 बजे के बाद 75 लाख से ज्यादा वोट पड़े। साथ में चुनाव प्रक्रिया को अवैध घोषित करने की मांग की थी।
धांधली का था आरोप
अहिरे का पक्ष करते हुए उनके वकील प्रकाश आंबेडकर ने दावा किया था कि 75 लाख वोट शाम 6 बजे के बाद डाले गए। वोटिंग का आधिकारिक समय शाम 6 बजे तक था। उन्होंने लगभग 95 विधानसभा क्षेत्रों में डाले गए और गिने गए वोटों के बीच धांधली का भी आरोप लगाया। उन्होंने मांग की कि चुनावों को शून्य और अमान्य घोषित किया जाए। प्रकाश आंबेडकर वंचित बहुजन अघाड़ी के प्रमुख भी हैं। दलील सुनने के बाद कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।
क्या है पूरा मामला
वंचित बहुजन आघाडी के नेता प्रकाश आंबेडकर चुनाव में कथित अनियमितताओं के खिलाफ याचिका दायर की थी। वहीं मुंबई निवासी चेतन चंद्रकांत अहिरे ने आरोप लगाया था कि 20 नवंबर 2024 को हुए विधानसभा चुनावों में 6 बजे के बाद असामान्य रूप से बड़ी संख्या में वोट डाले गए, जो चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी का संकेत है।
याचिका में यह दावा किया गया था कि 6 बजे के बाद 75 लाख से अधिक वोट डाले गए। अहिरे ने कोर्ट से मांग की थी कि राज्य की सभी 288 विधानसभा सीटों पर घोषित चुनाव परिणामों को रद्द किया जाए। साथ ही आरोप लगाया था कि 90 से ज्यादा विधानसभा सीटों में डाले गए और गिने गए वोटों में अंतर है।
कोर्ट ने कहा, याचिका में कोई दम नहीं
जस्टिस कुलकर्णी ने कहा कि हमें इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस याचिका को खारिज करने की जरूरत है। इस याचिका को सुनने में इस कोर्ट का पूरा दिन बर्बाद हो गया। हमारी राय है कि जुर्माना लगाया जाना चाहिए, लेकिन हम ऐसा करने से बचते हैं। शाम 6 बजे के बाद वोट डाले जाने के आरोप का जिक्र करते हुए कोर्ट ने कहा कि जब तक यह साबित नहीं हो जाता कि शाम 6 बजे के बाद मतदान से विशेष रूप से जीतने वाले उम्मीदवार को मदद मिली, तब तक याचिका में कोई दम नहीं है। बेंच ने यह भी कहा कि रिकॉर्ड में ऐसा कुछ भी नहीं है, जिससे पता चले कि मतदान के दौरान किसी भी मतदान केंद्र पर कोई अप्रिय घटना हुई।
23 जून को कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि पिछली लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भी इसी तरह के मतदान पैटर्न देखे गए थे, लेकिन उन्हें चुनौती नहीं दी गई थी। आदेश के बाद प्रकाश आंबेडकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि वह कोर्ट के फैसले को पूरी तरह से पढ़ने के बाद एक दिन बाद जवाब देंगे।