47,446 घरों में लगे स्मार्ट प्रीपेड मीटर। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
भंडारा: नए तकनीक के माध्यम से बिजली के उपयोग पर नियंत्रण रखने के उद्देश्य से महावितरण ने भंडारा जिले में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का अभियान शुरू किया है। “बचत का दावा, स्मार्ट तकनीक का उपयोग” इस नारे के तहत शुरू की गई यह योजना अब सक्रिय रूप से लागू की जा रही है। जिले में अब तक 47,446 स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। महावितरण की योजना के अनुसार कम वोल्टेज उपभोक्ताओं के लिए कुल 3,28,454 स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें कृषि पंप उपभोक्ताओं को फिलहाल शामिल नहीं किया गया है। यह योजना सितंबर 2023 से शुरू हुई थी।
हालांकि, कुछ समय के लिए चुनाव के कारण इसे स्थगित करना पड़ा था। लेकिन अब पुनः तेजी से काम शुरू हो गया है और मार्च 2026 तक यह लक्ष्य पूरा करने की योजना बनाई गई है। स्मार्ट मीटर योजना को ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में मिला-जुला प्रतिसाद मिल रहा है। कुछ गांवों में इस योजना का स्वागत हो रहा है, जबकि कुछ जगहों पर विरोध भी देखने को मिल रहा है। खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में प्रीपेड प्रणाली को लेकर अनेक गलतफहमियां हैं जैसे कि पहले पैसे भरे बिना बिजली नहीं मिलेगी। बैलेंस खत्म होते ही बिजली तुरंत बंद हो जाएगी। मीटर के कारण बिजली महंगी हो जाएगी। इन शंकाओं के कारण कई जगह लोग कर्मचारियों का विरोध कर रहे हैं।
योजना के क्रियान्वयन में आम नागरिकों से संवाद और जनजागरूकता अभियान की कमी महसूस हो रही है। जिले में स्मार्ट मीटर लगाने का ठेका M/s Montecarlo Ltd. को दिया गया है। इस कंपनी की ओर से नियुक्त ठेकेदार कर्मचारी मीटर लगा रहे हैं। मीटरों का निर्माण Kimbal कंपनी की ओर से किया जा रहा है और जिले में इसी कंपनी के मीटर लगाए जा रहे हैं। हालांकि इन ठेकेदार कर्मचारियों को पूर्ण तकनीकी प्रशिक्षण नहीं होने से कई बार उपभोक्ताओं के तकनीकी सवालों के संतोषजनक उत्तर नहीं मिल पाते, जो कि एक बड़ी चुनौती बन गई है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि उपभोक्ताओं से इन स्मार्ट मीटरों के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। बिलिंग व्यवस्था पहले की तरह ऑनलाइन और हार्ड कॉपी दोनों रूपों में उपलब्ध रहेगी। साथ ही, मोबाइल ऐप के जरिए उपभोक्ता अपना बिजली उपयोग, शेष बैलेंस, बिल विवरण आदि जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकेंगे। कई जगह उपभोक्ताओं का स्मार्ट मीटर को लेकर अनुभव संतोषजनक है। इस तकनीक से बिजली चोरी और अनाधिकृत उपयोग पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकेगा।
घरेलू और औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए ये मीटर अनिवार्य हैं, जबकि कृषि उपभोक्ताओं को फिलहाल इस योजना से बाहर रखा गया है। क्रियान्वयन के दौरान सबसे अधिक महसूस की जाने वाली बात है जनजागरूकता की कमी, मीटर के फायदे, कार्यपद्धति, तकनीकी स्वरूप, प्रीपेड प्रणाली के बारे में उपभोक्ताओं को जानकारी न मिलने के कारण शंकाएं उत्पन्न हो रही हैं। बिना पूर्व सूचना के मीटर लगाए जाने का निर्णय भी कई उपभोक्ताओं को खटका है। महावितरण को अब इस बात को ध्यान में रखते हुए तकनीकी जानकारी और जनजागरूकता अभियान के साथ मीटर लगाने के काम में अधिक पारदर्शिता लाने की आवश्यकता है।
अजंता घाट में भाई-बहन के सामने अचानक आया तेंदुआ, उन्होंने बाइक रोकी और…
भंडारा (शहर): 5,602
भंडारा (ग्रामीण): 8,632
तुमसर: 6,108
मोहाडी: 9,859
पवनी: 3,945
साकोली: 3,572
लाखनी: 4,050
लाखांदुर: 5,678
भंडारा जिले में वर्तमान में कुल 3,71,891 बिजली उपभोक्ता हैं, जिनमें घरेलू, व्यवसायिक, औद्योगिक और कृषि उपभोक्ता शामिल हैं।
घरेलू उपभोक्ता: 2,87,550
व्यवसायिक उपभोक्ता: 18,011
औद्योगिक उपभोक्ता: 3,766
कृषि उपभोक्ता: 57,720
स्मार्ट प्रीपेड मीटर RF और Cellular तकनीक पर आधारित डिजिटल मीटर हैं। ये मीटर ऑनलाइन माध्यम से डेटा ट्रांसफर करते हैं। बिजली उपयोग की रीडिंग DCU Gateway के माध्यम से स्वचालित तरीके से ली जाती है। ग्राहक अपने बिल, उपयोग, बैलेंस आदि की जानकारी ऑनलाइन ऐप या पोर्टल पर देख सकते हैं। इससे बिजली उपयोग का पूर्व नियोजन किया जा सकता है, खर्च पर नियंत्रण रहता है और अनावश्यक बिलिंग से बचाव होता है। ये मीटर नि:शुल्क लगाए जा रहे हैं और खराब होने पर उनकी मुफ्त में मरम्मत या बदलने की व्यवस्था है।