प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Shivbhojan Scheme: गरीब, मजदूर और मेहनतकश वर्ग के लिए शुरू की गई शिवभोजन थाली योजना इस समय आर्थिक संकट में फंस गई है। शासन ने इस योजना से जुड़े केंद्र संचालकों के बिलों का भुगतान रोक रखा है। फरवरी से सात महीने का अनुदान नहीं मिलने के कारण भंडारा जिले में केंद्र संचालकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। यदि शासन की ओर से तुरंत सहायता नहीं मिली तो शिवभोजन योजना पूरी तरह ठप पड़ने का खतरा है।
गरीब और मजदूर वर्ग को कम दाम में पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू हुई इस योजना में एक थाली की किंमत 50 रुपये है। इसमें से 10 रुपये लाभार्थी से लिए जाते हैं और शेष 40 रुपये शासन अनुदान के रूप में देता है। लेकिन पिछले सात महीनों से यह अनुदान नहीं मिला है, जिसके चलते केंद्र संचालकों की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है।
अनुदान न मिलने से केंद्र संचालकों को बिजली बिल, किराया, किराना, सब्जी और गैस जैसी आवश्यकताओं का खर्च उठाना कठिन हो गया है। कर्मचारियों को वेतन देना भी असंभव हो गया है। कई केंद्र संचालक उधारी पर सामान मंगवा रहे हैं, लेकिन अब किराना दुकानदारों ने भी उधारी देने से इनकार कर दिया है।
ऐसे में शिवभोजन थाली के लिए अनाज और ईंधन जुटाना मुश्किल हो गया है। नतीजा यह है कि योजना बंद होने के कगार पर पहुंच गई है। केंद्र संचालकों ने शासन को बार-बार अनुदान जारी करने की मांग की है और चेतावनी दी है कि यदि जल्द भुगतान नहीं हुआ तो वे सभी केंद्र बंद कर देंगे। जिले में कुल 54 शिवभोजन केंद्र शुरु हैं, जहां रोजाना करीब 5,800 थालियां वितरित की जाती हैं।
पांच साल बीतने के बाद महंगाई ने संचालकों की कमर तोड़ दी है। गैस, बिजली, दालें, तेल और सब्जियों के दाम तेजी से बढ़ गए हैं, जबकि अनुदान की राशि अपर्याप्त साबित हो रही है। एक तरफ महंगाई का दबाव है और दूसरी तरफ बकाया अनुदान भी नहीं मिल रहा। इस कारण संचालक दोहरी मार झेल रहे हैं।
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शिवभोजन थाली योजना गरीब और मजदूर वर्ग के लिए बहुत बड़ी राहत है। जब एक साधारण नाश्ता 20 से 30 रुपये में मिलता है, तब 10 रुपये में पूरी थाली गरीबों के लिए आधार बन गई है।
एक ओर शासन ने लाडली बहन योजना शुरू की है और उस पर भारी खर्च किया जा रहा है, जबकि दूसरी ओर शिवभोजन थाली और आनंदाचा शिधा जैसी बुनियादी योजनाओं की अनदेखी की जा रही है। गरीबों और जरूरतमंदों को थाली उपलब्ध कराने वाले भंडारा जिले केंद्र संचालकों ने आंदोलन की चेतावनी दी है।
आने वाले दिनों में स्थिति और गंभीर हो सकती है। गरीब और बेसहारा लोगों को सस्ता भोजन उपलब्ध कराने वाली शिवभोजन योजना जारी रहेगी या नहीं, यह बड़ा सवाल बन गया है। शासन की अनदेखी और बकाया अनुदान के कारण यह योजना संकट में फंस गई है। संचालकों ने मांग की है कि शासन तुरंत अनुदान जारी करे और उचित निर्णय ले।