
नप चुनाव से पहले कांग्रेस में ‘त्यागपत्र नाट्य’ (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Bhandara Politics: साकोली-सेंदुरवाफा नगर परिषद के 2 दिसंबर को प्रस्तावित चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी में जबरदस्त राजनीतिक उथल-पुथल देखने को मिली है। टिकट वितरण में निष्ठावान और पुराने कार्यकर्ताओं की अनदेखी किए जाने के आरोपों के बीच पार्टी में गहरा असंतोष फूट पड़ा। इसी नाराज़गी के चलते कांग्रेस के कई पदाधिकारियों और सक्रिय कार्यकर्ताओं ने सामूहिक रूप से अपने त्यागपत्र कांग्रेस शहर अध्यक्ष दिलीप मासुरकर को सौंप दिए।
नामांकन पत्र वापस लेने की शुक्रवार अंतिम तिथि थी। कार्यकर्ताओं को विश्वास था कि पार्टी उन्हें ए-बी फॉर्म देकर अधिकृत उम्मीदवार बनाएगी। इसी भरोसे में कई दावेदारों ने विभिन्न प्रभागों से नामांकन दाखिल किए थे और जीत के प्रति आश्वस्त भी थे। लेकिन दोपहर के बाद साकोली में राजनीतिक समीकरण अचानक बदल गए और टिकट वितरण को लेकर आक्रोश चरम पर पहुंच गया। इसके बाद नाराज़ कार्यकर्ताओं ने सामूहिक त्यागपत्र का नाटकीय निर्णय लिया, जिससे कांग्रेस में वर्षों से चली आ रही गुटबाजी खुलकर सामने आ गई। पार्टी के भीतर बढ़ती खींचतान आगामी चुनाव में कांग्रेस की स्थिति पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है।
नाराज़ कार्यकर्ताओं का आरोप है कि संगठन में वर्षों से सक्रिय और निष्ठावान सदस्यों की अनदेखी कर, अचानक जुड़े या बाहरी व्यक्तियों को टिकट प्रदान किया गया। इससे कई स्थानीय कार्यकर्ताओं में असुरक्षा और उपेक्षा की भावना गहरी हो गई है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पार्टी नेतृत्व नाराज़ कार्यकर्ताओं की भावनाओं को शांत कर पाता है या यह बग़ावती रुख आगे और गंभीर रूप ले लेता है।
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त्यागपत्र सौंपने वालों में प्रमुख रूप से अमोल टेंभुर्णे, विजय साखरे, दिलीप निनावे, कृष्णा हुकरे, विशाल गजभिये, सचिन राऊत, सतीश रंगारी, मनोहर भिवगड़े, पराग कोटांगले, दिनेश राऊत, प्रकाश रोकड़े, राजू जुगनाके और वैशाली गजभिये शामिल हैं।
साकोली कांग्रेस में अचानक भड़का यह असंतोष न केवल चुनावी रणनीति को बाधित कर सकता है, बल्कि आगामी नगर परिषद चुनाव में पार्टी की स्थिति को कमजोर करने की आशंका भी व्यक्त की जा रही है।






