प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Bhandara Crime News: भंडारा जिले के लाखांदुर इलाके में एक बेहद ही शर्मनाक घटना सामने आई है, जहां एक जूनियर कॉलेज के प्राध्यापक पर अपनी ही नाबालिग छात्रा के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगा है। यह घटना तब हुई जब 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा कॉलेज के बाहर अपने रिश्तेदार का इंतजार कर रही थी।
हालांकि इस मामले ने पूरे बारव्हा गांव परिसर में हलचल मचा दी है, लेकिन सबसे हैरानी की बात यह है कि घटना के छह दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इस पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर क्यों पुलिस इतनी गंभीर शिकायत को लेकर निष्क्रिय बनी हुई है।
मिली जानकारी के अनुसार, यह घटना करीब छह दिन पहले दोपहर के समय घटी। पीड़ित छात्रा, जो रोज की तरह अपने रिश्तेदार के साथ कॉलेज आती-जाती है, उस दिन छुट्टी के बाद अकेले बाहर खड़ी होकर उनके आने का इंतजार कर रही थी। जब कॉलेज के अन्य सभी विद्यार्थी जा चुके थे और वह अकेली थी, तभी कॉलेज के एक प्राध्यापक ने इस मौके का फायदा उठाया और उसके साथ छेड़छाड़ की। यह घटना छात्रा के लिए इतनी भयावह थी कि वह सदमे में आ गई।
घटना के बाद जब छात्रा अपने घर पहुंची, तो उसने हिम्मत जुटाकर चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क किया और पूरी घटना की जानकारी बाल कल्याण समिति को दी। बताया जा रहा है कि समिति के कुछ पदाधिकारियों ने तुरंत दिघोरी/मोठी पुलिस थाने को इस घटना की जानकारी दी। बावजूद इसके, अभी तक पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया है। इस निष्क्रियता ने स्थानीय लोगों में रोष पैदा कर दिया है और वे इसे पुलिस की लापरवाही मान रहे हैं।
बारव्हा गांव परिसर में यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है। स्थानीय लोगों का मानना है कि एक नाबालिग छात्रा के साथ कॉलेज जैसे सुरक्षित माने जाने वाले परिसर में इस तरह की घटना होना बेहद गंभीर है। इसके बावजूद स्थानीय पुलिस प्रशासन का इस मामले में कोई कार्रवाई न करना संदेह पैदा करता है। इस घटना ने शिक्षा के क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर भी बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।
जब इस मामले में दिघोरी/मोठी पुलिस थाने के थानेदार प्रमोद शिंदे से संपर्क किया गया, तो उन्होंने चौंकाने वाला बयान दिया। उन्होंने कहा कि पीड़ित छात्रा या उसके माता-पिता ने अभी तक पुलिस थाने में कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई है।
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उन्होंने आगे कहा, “पीड़ित बालिका ने चाइल्ड हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज की है और वहां के अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं। यदि वे शिकायत दर्ज कराते हैं या चाइल्ड हेल्पलाइन के अधिकारी अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं, तो आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।”
इस बयान से यह साफ हो जाता है कि पुलिस अभी भी शिकायत का इंतजार कर रही है, जबकि बाल कल्याण समिति की सूचना को ही पर्याप्त माना जाना चाहिए था। पीड़ित परिवार शायद सदमे या डर के कारण पुलिस के पास नहीं गया हो, लेकिन यह पुलिस की जिम्मेदारी है कि वह स्वयं संज्ञान लेकर जांच करे।
इस पूरे मामले में जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से तुरंत दखल देने और मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त आपराधिक कार्रवाई करने की मांग की जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और दोषियों को सबक सिखाया जा सके।