मामा तालाब पुनर्निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Bhandara News: लगभग 90 एकड़ क्षमता वाले ऐतिहासिक मामा तालाब की पार 1 अगस्त की सुबह अचानक टूट गई, जिससे साकोली और आसपास के किसानों व मछुआरों को भारी नुकसान हुआ। घटना के बाद पूर्व मंत्री एवं विधायक डॉ. परिणय फुके ने घटनास्थल का दौरा कर टूटी हुई पार और प्रभावित खेतों की प्रत्यक्ष जांच की। इसके बाद तालाब वार्ड स्थित हनुमान मंदिर सभागार में प्रभावितों से संवाद करते हुए उन्होंने किसानों व मछुआरों के नुकसान का विस्तृत रिपोर्ट शासन को सौंपकर तात्कालिक आर्थिक सहायता देने का आश्वासन दिया।
डॉ. फुके ने अधिकारियों को तालाब के पुनर्निर्माण के लिए 4.5 करोड़ रुपये का निधि मंजूर कराने और सिंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए 50,000 ब्रास गाद निकालने का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। बैठक में उन्होंने जिलाधिकारी संजय कोलते, उपविभागीय अधिकारी स्वाती देसाई, तहसीलदार निलेश कदम और लघु सिंचाई विभाग के अभियंता चाचेरे को तालाब पुनर्निर्माण का प्रस्ताव शीघ्र शासन को भेजने के आदेश दिएन साथ ही, पार टूटने से प्रभावित किसानों व मछुआरों के नुकसान की विस्तृत जानकारी रिपोर्ट के रूप में प्रस्तुत कर मुआवजा वितरण की प्रक्रिया तेज करने के निर्देश भी दिए।
आज क्षतिग्रस्त तलावाची पाहणी करण्यात आली. तलावांचा बांध फुटून पाणी शेतकऱ्यांच्या शेतात गेले असून पिकांचे मोठे नुकसान झाले आहे. या अनुषंगाने परिस्थितीची सखोल माहिती घेतली. तर प्रशासनाला तातडीने पंचनामे करून शेतकऱ्यांना लवकरात लवकर नुकसान भरपाई देण्याच्या सूचना दिल्या आहेत. तर… pic.twitter.com/DSDDztWGu2
— Dr. Parinay Fuke (@Parinayfuke) August 10, 2025
इस अवसर पर पूर्व विधायक डॉ. हेमकृष्ण कापगते, अविनाश ब्राह्मणकर, प्रा. होमराज कापगते, जिला परिषद सदस्य डोये, पूर्व जिला परिषद सदस्य डॉ. नेपाल रंगारी, पूर्व जिला परिषद सदस्य माहेश्वरी नेवारे, अमोल हलमारे, नितीन खेडीकर, शरद कापगते, व्यंकटेश येवले, किशोर पोगडे, गोमासे सहित बड़ी संख्या में प्रभावित किसान व नागरिक उपस्थित थे।
पूर्व नगरसेवक मनीष कापगते ने अपने प्रास्ताविक भाषण में तालाब की पार, सांडवा, पांचों गेट और नहरों का तत्काल पुनर्निर्माण करने की जोरदार मांग की। उन्होंने पार के नीचे स्थित सड़क की ऊंचाई बढ़ाकर उसकी मरम्मत करने, तथा सिंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए गाद निकालने की भी मांग की। साथ ही उन्होंने यह स्पष्ट किया कि प्रभावित किसानों को पर्याप्त आर्थिक सहायता दी जाए और शासन को इस मामले में तुरंत निर्णय लेना चाहिए।
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विधायक परिणय फुके ने क्षतिग्रस्त झील का आज निरीक्षण किया गया। झील का बांध टूट गया और पानी किसानों के खेतों में घुस गया, जिससे फसलों को भारी नुकसान हुआ है। इस संबंध में स्थिति की विस्तृत जानकारी ली गई। प्रशासन को तत्काल पंचनामा कर किसानों को जल्द से जल्द मुआवज़ा देने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कि कहा गया कि सरकार किसानों के साथ पूरी तरह खड़ी है।
चूंकि जलाशय में वर्ष भर जल संचयन होता है, इसलिए उस गांव के बोरवेल और कुओं में जल स्तर स्थिर रहेगा। जानवरों के साथ-साथ वन्यजीव, पशुधन और पक्षी भी झील क्षेत्र में विचरण करते रहेंगे। जल संकट की समस्या नहीं रहेगी और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि झील के नीचे की कृषि को भरपूर पानी मिल सकेगा। इसलिए मामा तालाब को पुनर्जीवित करना सरकार का एक क्रांतिकारी कदम है।