प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Tumsar Municipal Council Elections: सुप्रीम कोर्ट के आदेश बाद 31 जनवरी 2026 अंदर में नप के चुनाव लिए जाने के बारे में कहे जाने पर शहर में प्रत्येक चाय-पान टपरी पर चुनावी चर्चा होने लगी है। अभी कुछ दिनों बाद निकाय चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
इस कारण भंडारा के तुमसर शहर के स्वयम्भू नेता नींद से जागने लगे हैं एवं अपने-अपने कार्य मे जुट चुके हैं, लेकिन कोई भी नगरवासियों की समस्याओं पर चर्चा करने के लिए गंभीर नहीं है। वे आश्वासन एवं गारंटी देने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन कार्यान्वयन की प्रक्रिया शून्य है।
वास्तव में चुनावी प्रक्रिया हमारे जनतंत्र का एक हिस्सा है, क्या हमारे निर्वाचित प्रतिनिधि वास्तव में अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करते हैं? यह हमारे लिए शोध का विषय है।
चुनाव आने पर कुछ लोग कहते हैं कि, वे बेपनाह पैसा खर्च करेंगे, कुछ कहते हैं कि, वे एक-एक वोट खरीदेंगे, लेकिन किसके लिए? जनसेवा एवं जनकल्याण के लिए या 5 वर्ष के लिए अनुबंध व आत्म-कल्याण के लिए? यह कोई नहीं बताता है।
वर्तमान में शहर के अनेक वार्डों के नई बस्ती के नागरिकों को विभिन्न समस्याओं से जूझना पड़ रहा है, लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। शहर के विनोबा, गोवर्धन एवं श्रीराम नगर परिसर में अनेक लोगों मकान का निर्माण कार्य कर वास्तव्य करते हैं, लेकिन नप द्वारा अब तक सड़क एवं नाली का निर्माण कार्य नहीं किया गया है।
तुमसर शहर के अनेक लोग बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं इस ओर किसी पदाधिकारियों द्वारा ध्यान नहीं दिया जाता है। संबंधित लोगों का कहना है कि मकान का निर्माण कार्य करने पूर्व नप से अनुमति ली जाती है, उस दौरान नप द्वारा विकास के नाम पर अच्छी खांसी राशि वसूल की जाती है, लेकिन विकास के नाम पर कुछ भी नहीं किया जाता है।
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इस ओर नप पदाधिकारियों द्वारा अब तक ध्यान नहीं दिया गया था, चुनाव लड़ना सभी का अधिकार है, लेकिन मतदाताओं से मतदान मांगने के पूर्व यह विचार करने की आवश्यकता है कि, उन्होंने उनके लिए क्या किया एवं कभी उनके सुख दुख शामिल हुए क्या? इन सवालों के जवाब स्वयं से ही पूछना चाहिए।
शहर में कई समस्याए खड़ी है लेकिन कोई भी पदाधिकारी इन समस्याओं से लड़ते हुए दिखाई नहीं देता है अथवा कोई भी गरीब लोगो के अधिकारों के लिए सड़क पर नहीं उतरता है, केवल अखबार एवं सोशल मीडिया के सुर्खियों में दिखाई देता है मतदाताओं ने इस बात से अवगत रहना चाहिए कि जिस प्रतिनिधि को आप अपना अमूल्य वोट देते हैं, वह सोने के मूल्य से अधिक है केवल लालच एवं बहकावे में नहीं आए।