नहर में गिरी घायल बाघिन की मौत (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Gosekhurd Canal: पवनी शहर से करीब 4 किलोमीटर दूर धानोरी गांव के पास से गुजरने वाली इंदिरा सागर परियोजना (गोसीखुर्द बांध) की दाहिनी नहर में 9 दिसंबर की सुबह करीब 7 बजे एक धारीदार बाघिन घायल अवस्था में पड़ी मिली। वन विभाग की प्राथमिक रिपोर्ट के अनुसार लगभग 15 माह की इस अवयस्क मादा बाघिन को कमर के नीचे गंभीर चोटें आई थीं, जिससे उसका पिछला हिस्सा पूरी तरह लकवाग्रस्त हो गया था।
बाघिन को नहर से बाहर निकालकर उपचार के लिए नागपुर स्थित गोरेवाड़ा प्राणी बचाव केंद्र भेजा गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पवनी वनपरिक्षेत्र उमरेड-पवनी-करहांडला अभयारण्य को ताडोबा टाइगर रिजर्व से जोड़ने वाला अत्यंत संवेदनशील वन्यजीव कॉरिडोर है। ऐसे संवेदनशील क्षेत्र में रेस्क्यू ऑपरेशन में चार घंटे की देरी होना वन विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
स्थानीय वन्यजीव प्रेमियों का कहना है कि रेस्क्यू टीम के पास पिंजरा उपलब्ध नहीं था। नवेगांव बांध (जिला गोंदिया) से पिंजरा मंगवाने में लगभग चार घंटे लग गए। इतनी गंभीर रूप से घायल बाघिन को तत्काल उपचार की आवश्यकता थी, लेकिन देरी के कारण उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। वन्यजीव प्रेमियों का आरोप है कि समय पर सहायता न मिलना ही बाघिन की मौत का प्रमुख कारण बना।
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भंडारा के मानद वन्यजीव रक्षक पंकज देशमुख ने कहा कि रेस्क्यू में हुई देरी और संभावित लापरवाही पर वन विभाग को गंभीरता से विचार करना चाहिए। उन्होंने मांग की कि मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।