प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Bhandara Nagar Parishad Election: महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग द्वारा नगर परिषदों के आम चुनावों की घोषणा के साथ ही भंडारा जिले का सियासी तापमान आसमान छूने लगा है। जिले की चार नगर परिषदों में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है और उम्मीदवारों की दौड़ शुरू हो चुकी है।
नगराध्यक्ष और नगरसेवक पदों के लिए जबरदस्त प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है। एक-एक सीट पर चार से पांच दावेदारों के उतरने की संभावना है। ऐसे में दलों के नेतृत्व के सामने सबसे बड़ी चुनौती इच्छुक उम्मीदवारों की नाराजगी को शांत करने की है।
नामांकन प्रक्रिया शुरू होते ही सोमवार से राजनीतिक दलों के कार्यालयों में भीड़ उमड़ने लगी है। महीनों से शांत पड़े दफ्तर अब चुनावी रंग में रंग गए हैं। नारेबाजी, रणनीति बैठकों और टिकट को लेकर चर्चाओं से गलियारे गूंज उठे हैं।
चुनाव घोषणा के साथ ही भाजपा, कांग्रेस, शरद पवार गुट की एनसीपी, अजित पवार गुट और शिवसेना (दोनों गुट) के साथ-साथ कई स्थानीय आघाड़ियां भी सक्रिय हो गई हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही ओर से सीट बंटवारे पर रस्साकशी तेज है। निष्ठा बनाम अवसरवाद की पुरानी बहस भी फिर सिर उठाने लगी है।
राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि टिकट वितरण में कई दिग्गजों को निराशा मिल सकती है, जबकि नए चेहरों को मौका दिया जाएगा। हालांकि कई जगहों पर उम्मीदवारों के नाम को लेकर अब भी सस्पेंस बरकरार है। अचानक चुनाव घोषित होने के कारण कुछ दलों ने अभी अंतिम सूची तय नहीं की है।
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राज्य चुनाव आयोग के अनुसार, नगर परिषद और नगर पंचायत चुनाव नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 10 से 17 नवंबर तक चलेगी। 18 नवंबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी, जबकि 25 नवंबर तक प्रत्याशी नाम वापस ले सकेंगे। मतदान 2 दिसंबर को होगा और मतगणना 3 दिसंबर को की जाएगी।
चारों नगर परिषदों में चुनावी बिगुल बजते ही भंडारा की गलियों से लेकर पार्टी दफ्तरों तक सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। अब हर ओर एक ही सवाल गूंज रहा है- “किसके सिर सजेगा नगराध्यक्ष का ताज?”
टिकट वितरण के बाद हालात और दिलचस्प होंगे। सभी की निगाहें अब इस पर टिकी हैं कि किस पार्टी का पलड़ा भारी पड़ता है और कौन भंडारा के स्थानीय शासन में अपनी पकड़ मजबूत करता है।