प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Bhandara Cyber Crime Report: डिजिटल युग में तकनीक का बढ़ता उपयोग जहां नागरिकों के लिए सुविधाएं ला रहा है, वहीं साइबर अपराधों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। ऑनलाइन ठगी, डिजिटल बैंकिंग के जरिए आर्थिक नुकसान और सोशल मीडिया पर झूठी जानकारी का प्रसार, नागरिकों की आर्थिक और व्यक्तिगत सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न खड़े कर रहे हैं।
साइबर पुलिस स्टेशन की रिपोर्ट के अनुसार, 1 जनवरी से 31 अगस्त यानी 8 महीनों में भंडारा जिले में कुल 9 साइबर अपराधों की शिकायतें दर्ज की गई हैं। साइबर पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई से कई मामलों में नागरिकों को भारी आर्थिक नुकसान से बचाया गया है। इन मामलों में अलग-अलग तरीकों से लोगों को जाल में फँसाया गया।
डिजिटल अरेस्ट (धमकी देकर ठगी), ऑनलाइन निवेश योजनाएं, ऊंचे ब्याज का लालच देकर फसाना, मैट्रीमोनियल फ्रॉड, बैंक अधिकारी बनकर ठगी, मोबाइल बदलने के नाम पर ठगी, फर्जी कारण बताकर अन्य प्रकार की ठगी की गई।
भंडारा जिले में साइबर अपराधों से निपटने के लिए अलग साइबर पुलिस थाना बनाया गया है। यहाँ आधुनिक तकनीक की मदद से जांच की जाती है। अब तक 4 मामलों में आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। साथ ही संबंधित बैंकों के खाते फ्रीज कर 49,48,162 रुपये पीड़ितों तक वापस पहुंचाए गए हैं।
यह सफलता साइबर पुलिस की कार्यकुशलता को दर्शाती है। पुलिस विभाग लगातार नागरिकों को जागरूक करने के लिए अभियान चला रहा है। स्कूल-कॉलेज, सार्वजनिक और सामाजिक कार्यक्रमों में साइबर सुरक्षा पर विशेष सत्र आयोजित किए जाते हैं।
साइबर अपराधी लोगों की मानसिकता समझकर उन्हें फंसाने की कोशिश करते हैं, इसलिए नागरिकों का सावधान रहना बेहद ज़रूरी है।
अनजान कॉल आने पर कोई वित्तीय या व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें। सोशल मीडिया अकाउंट्स प्राइवेट रखें। समय-समय पर पासवर्ड बदलें। ऑनलाइन खरीदारी सिर्फ अधिकृत प्लेटफॉर्म से करें। अनावश्यक ऐप डाउनलोड न करें। सोशल मीडिया पर निजी जानकारी साझा करने में संयम रखें। संदिग्ध लिंक, वेबसाइट और ईमेल से सावधान रहें।
भंडारा जिला पुलिस ने नागरिकों की मदद के लिए व्हाट्सऐप आधारित साइबर बॉट सेवा (7447470100) शुरू की है। इसके माध्यम से लोग तुरंत मदद पा सकते हैं और सुरक्षित ऑनलाइन व्यवहार, साइबर धोखाधड़ी और वित्तीय ठगी से बचाव संबंधी जानकारी हासिल कर सकते हैं।
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साइबर पुलिस स्टेशन के सहायक पुलिस निरीक्षक अभिजीत पाटिल ने कहा कि डिजिटल युग में ऑनलाइन बैंकिंग, यूपीआई लेनदेन और ई-कॉमर्स साइट्स पर ठगी के मामले बढ़े हैं। बोगस वेबसाइट्स, संदिग्ध लिंक और फिशिंग ईमेल्स से बचना आवश्यक है।
किसी भी तरह की साइबर ठगी होने पर तुरंत टोल-फ्री नंबर 1930, 1945 या 14407 पर शिकायत दर्ज कराएं, ताकि पुलिस त्वरित कार्रवाई कर सके।