प्रतीकात्मक तस्वीर ( सोर्स: सोशल मीडिया )
Nashik politics Hindi News: नासिक मनसे और शिवसेना ठाकरे गुट के गठबंधन को अभी 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि गुरुवार को नासिक की राजनीति में जबरदस्त ‘पॉलिटिकल ड्रामा’ देखने को मिला।
भाजपा के शहर कार्यालय के बाहर भारी हंगामे, नारेबाजी और धरने के बीच विपक्षी दलों के कई बड़े दिग्गजों ने भाजपा का दामन थाम लिया। मंत्री गिरीश महाजन ने स्थानीय विधायक प्रो. देवयानी फरांदे और कार्यकर्ताओं के कड़े विरोध के बावजूद इन नेताओं को पार्टी में प्रवेश कराया। सुबह 11 बजे होने वाला यह कार्यक्रम विरोध के चलते करीब ढाई घंटे की देरी से शुरू हुआ।
प्रभाग क्रमांक 13 के इच्छुक उम्मीदवारों और कार्यकर्ताओं ने सड़क पर बैठकर धरना दिया, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। एक तरफ शाहू खैरे, विनायक पांडे और यतिन वाघ को कार्यकर्ताओं ने रोक दिया, तो दूसरी तरफ पूर्व विधायक नितिन भोसले इंतजार करते रहे। जैसे ही मंत्री गिरीश महाजन कार्यालय पहुंचे, उन्होंने स्थिति को संभाला और सभी दिग्गज नेताओं को भीतर ले जाकर पार्टी की सदस्यता दिलाई।
विरोध के बावजूद मंत्री गिरीश महाजन आत्मविश्वास से लबरेज दिखे। उन्होंने दावा किया कि नासिक में भाजपा की जबरदस्त लहर है और इसी वजह से विपक्षी नेता पार्टी पर भरोसा जता रहे हैं।
उन्होंने आगामी महानगरपालिका चुनाव में भाजपा द्वारा 80 प्रतिशत से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। विपक्ष के इस ‘काउंटर स्ट्रैटेजी’ के बाद अब नासिक की जनता की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि इस बगावत और दलबदल का चुनावी नतीजों पर क्या असर पड़ता है।
यह पूरा विवाद नासिक मध्य विधानसभा क्षेत्र के ‘प्रभाग क्रमांक 13’ को लेकर है, यह क्षेत्र विधायक फरांदे का गढ़ माना जाता है, जहां फिलहाल महाविकास अघाड़ी का कब्जा है। हाल ही में भाजपा के स्थानीय नेता गणेश मोरे और अन्य कार्यकर्ताओं ने यहाँ से चुनाव लड़ने की तैयारी पूरी कर ली थी।
लेकिन शाहू खैरे और विनायक पांडे जैसे बड़े प्रतिद्वंद्वियों के भाजपा में आने से पुराने निष्ठावान कार्यकर्ताओं को अपना टिकट कटने का डर सता रहा है। गणेश मोरे पिछले चुनाव में शाहू खैरे से बहुत कम अंतर से हारे थे, इसलिए उनका गुस्सा सातवें आसमान पर था।
नासिक के सियासी समीकरणों को हिलाते हुए चार अलग-अलग दलों के प्रभावशाली नेताओं ने भाजपा में प्रवेश कियाः नितिन भोसलेः पूर्व विधायक, राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरद पवार गुट)।
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विनायक पांडे और यतिन वाघः पूर्व महापौर, शिवसेना (ठाकरे गुट), शाहू खैरेः वरिष्ठ नेता, कांग्रेस। दिनकर पाटिलः प्रदेश महासचिव, मनसे (साथ में अमोल पाटिल, लता पाटिल और रविंद्र धिवरे)। विशेष बात यह रही कि कल तक गठबंधन की खुशी में मिठाइयां बांटने वाले दिनकर पाटिल और विनायक पांडे आज खुद भाजपा के खेमे में नजर आए।