90 दिन के प्रमाणपत्र पर हस्ताक्षर नहीं (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Bhandara News: भंडारा जिले की कई ग्राम पंचायतों में ग्रामसेवकों की ओर से मनमानी करते हुए निर्माण (बांधकाम) श्रमिकों के 90 दिन काम करने के प्रमाणपत्र पर हस्ताक्षर न करने की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं। इससे नाराज श्रमिकों ने ग्रामीण रोजंदारी बांधकाम कामगार संगठन, शाखा भंडारा की ओर से एक ज्ञापन जिलाधिकारी तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी भंडारा के माध्यम से ग्रामविकास मंत्री जयकुमार गोरे, राज्यमंत्री योगेश कदम, तथा प्रधान सचिव एकनाथ डवले को भेजा है। इस दौरान संगठन के जिलासचिव सुरेंद्र गेडाम, अमर गजभिये, और विकास डोंगरे उपस्थित थे।
ज्ञापन में कहा गया है कि जिलेभर में निर्माण और अन्य मेहनतकश कार्य करने वाले श्रमिकों को मंडल में पंजीकरण या नवीनीकरण के लिए 90 दिन काम करने का प्रमाणपत्र आवश्यक होता है, लेकिन ग्रामसेवक इस पर हस्ताक्षर करने में टालमटोल कर रहे हैं, जिससे कामगारों को शासन की विभिन्न योजनाओं के लाभ से वंचित रहना पड़ रहा है। ज्ञापन में यह भी स्पष्ट किया गया कि बांधकाम कामगार अधिनियम 1996 के अनुसार यह प्रमाणपत्र देना ग्रामसेवकों का कानूनी कर्तव्य है। इस कानून के कलम 2-डी में निर्माण कार्य की परिभाषा और कलम 21(ई) में निर्माण श्रमिकों की व्याख्या दी गई है। साथ ही महाराष्ट्र इमारत व अन्य बांधकाम कामगार (रोजगार नियम व सेवा शर्तें) नियम 2007 के कलम 33(3)-सी में ग्रामसेवकों को यह प्रमाणपत्र देने की स्पष्ट व्यवस्था की गई है।
ग्रामसेवक ग्रामीण क्षेत्रों के कामगारों के प्रमाणपत्रों पर नगर परिषद क्षेत्र में मुख्य अधिकारी तथा महानगरपालिका क्षेत्र में प्रादेशिक अधिकारी की ओर से हस्ताक्षर किए जाने का प्रावधान है। इसलिए ग्रामसेवक इस जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। संगठन ने कहा कि यदि सात दिनों के भीतर संबंधित ग्रामसेवकों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो ग्रामीण रोजंदारी बांधकाम कामगार संगठन की ओर से श्रमिकों को साथ लेकर जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष बेमियादी अनशन शुरू किया जाएगा। ज्ञापन पर विजय बडगे, गायत्री मोटघरे, स्वाती निमकर, भारती शेंडे, और निकिता गायधने के हस्ताक्षर हैं।
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कुछ ग्रामसेवक प्रमाणपत्र पर हस्ताक्षर करने से इंकार करते हुए 23 सितंबर 2021 के शासन निर्णय का हवाला देते हैं, जबकि यह निर्णय पंजीकरण अधिकारियों से संबंधित है, न कि ग्रामसेवकों से। इस गलत व्याख्या के कारण असली श्रमिकों को उनके हक से वंचित किया जा रहा है।
निर्माण (बांधकाम) श्रमिकों के 90 दिन काम करने के प्रमाणपत्र पर हस्ताक्षर न करने की समस्या हर जगह नहीं है। भंडारा और लाखनी तहसील में ही यह समस्या निर्माण हुई है। जबकि मोहाडी तहसील के ग्रामसेवक इन प्रमाणपत्रों पर हस्ताक्षर कर रहे हैं।