(प्रतीकात्मक तस्वीर)
Bhandara News In Hindi: मानसून की दस्तक के साथ ही पशुओं में फैलने वाली संक्रामक बीमारियों के खतरे से भंडारा जिले के पशुपालकों को इस बार बड़ी राहत मिली है। पशुसंवर्धन विभाग ने एक विशेष अभियान चलाकर अगस्त महीने के अंत तक 6 लाख 64 हजार से अधिक पशुओं और पक्षियों का रोग-प्रतिरोधी टीकाकरण किया है। इस समय जिले में किसी भी तरह की महामारी का खतरा नहीं है, जिससे किसानों का पशुधन पूरी तरह सुरक्षित है।
जिले में कृषि के बाद पशुपालन किसानों की आजीविका का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। बरसात के मौसम में लंपी, घटसर्प, एकटांग्या और चौखुरा जैसी खतरनाक बीमारियाँ तेजी से फैलती हैं, जिनसे अक्सर पशुओं की जान चली जाती है। इन बीमारियों पर समय पर टीकाकरण से रोक लगाई जा सकती है।
2019 की पशुगणना के अनुसार, भंडारा जिले में 3,19,897 पशु और 31.55 लाख मुर्गीवर्गीय पक्षी हैं। इनमें 2,13,036 गायें और 10,686 भैंसें शामिल हैं। इतने विशाल पशुधन की सुरक्षा के लिए जिले में 84 पशु चिकित्सालय कार्यरत हैं। हालाँकि, पशुसंवर्धन विभाग के सामने कई चुनौतियाँ भी हैं। विभाग में 50 से अधिक पद वर्षों से खाली पड़े हैं, और कई अधिकारियों को एक साथ कई क्षेत्रों की जिम्मेदारी संभालनी पड़ रही है। इसके बावजूद, विभाग ने किसानों को समय पर सेवाएँ उपलब्ध कराई हैं।
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विभाग ने मई महीने से ही टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया था। इस अभियान के तहत, विभिन्न बीमारियों के लिए हजारों पशुओं को टीके लगाए गए:
इसके अलावा, रानीखेत, फाउल पॉक्स, लार-खुरकत, भेड़ और बकरियों में फैलने वाले रोगों के लिए भी हजारों टीके लगाए गए हैं। जिला पशुसंवर्धन विभाग के आयुक्त डॉ. विलास गाडगे ने बताया कि पशु चिकित्सालयों में पशुधन के अनुसार टीकाकरण, दवाइयों का वितरण और उपचार की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि विभाग के पास सभी जीवनरक्षक टीकों का पर्याप्त भंडार उपलब्ध है, जिससे किसानों के पशु सुरक्षित रहेंगे और उन्हें सही समय पर उपचार मिलेगा।