भंडारा जिले के 4,367 किसान प्रभावित (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Bhandara District: 25 से 29 सितम्बर के बीच भंडारा जिले में सर्वत्र हुई तेज बारिश और तूफानी मौसम ने किसानों की मेहनत पर पूरी तरह पानी फेर दिया है। लगातार बरसात और तेज हवा के कारण उगे हुए धान और अन्य खरीफ फसलें जमीन पर बिछ गईं और कई जगह पानी में डूबकर सड़ने लगीं। प्रारंभिक कृषि विभागीय रिपोर्ट के अनुसार, जिले के 292 गांवों में 19,8097.24 हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ की बुआई हुई। उसमें से 1,692।30 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है। इस आपदा का सीधा असर 4,367 किसानों पर पड़ा है, जिससे उनका पूरा कृषि मौसम खतरे में पड़ चुका है।
मूसलाधार बारिश के कारण खेतों में घुसा पानी नहीं निकल सका। नतीजतन धान की फसल जमीदोस्त हो गई। कई क्षेत्रों में सोयाबीन और सब्जियां पूरी तरह नष्ट हो गई हैं। इससे किसानों की मेहनत बर्बाद हुई है और पूरा कृषि मौसम खतरे में पड़ गया है। कृषि विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह आंकड़े प्रारंभिक अनुमान पर आधारित हैं और अंतिम सर्वेक्षण के बाद आंकड़े बदल सकते हैं। भंडारा तहसील में 21 गांव प्रभावित हुए। 70.5 हेक्टेयर क्षेत्र में धान, सोयाबीन और सब्जियां जलमग्न हो गई। 254 किसान प्रभावित हुए। मोहाडी तहसील सबसे अधिक प्रभावित हे।
मोहाडी तहसील के 86 गांवों की 715 हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें क्षतिग्रस्त हो गई है। इससे 2090 किसान प्रभावित हुए। तुमसर तहसील के 78 गांवों की 317 हेक्टेयर धान फसल क्षतिग्रस्त, 658 किसान प्रभावित हुए। पवनी तहसील के 28 गांवों से 294 हेक्टेयर धान और सोयाबीन प्रभावित, 542 किसानों को नुकसान हुआ। साकोली तहसील के 22 गांवों में असर दिखा।
63 हेक्टेयर धान क्षतिग्रस्त हो गई। नतीजतन 277 किसान प्रभावित हुए।लाखनी तहसील के 57 गांव, 232.8 हेक्टेयर क्षेत्र में धान और सब्जियों को नुकसान हो चुका है। 546 किसान प्रभावित हुए। लाखांदुर तहसील में नुकसान का प्रारंभिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है।
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शासन ने नुकसानग्रस्त खेतों का निरीक्षण कर सर्वेक्षण और पंचनामे करने के निर्देश जारी किए हैं। राज्य सरकार के मानक के अनुसार पंचनामे बनाकर तात्कालिक नुकसान भरपाई की जाएगी। किसानों का कहना है कि बेमौसमी बारिश ने जिले के ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गंभीर संकट में डाल दिया है और शीघ्र राहत सुनिश्चित की जानी चाहिए।