स्कूल जाते बच्चे (फाइल फोटो)
Bhandara News: भंडारा जिले में जिला परिषद शिक्षा विभाग की ओर से 1 से 15 जुलाई तक चलाए गए विशेष अभियान में जिले में कुल 36 बच्चे शिक्षा की मुख्यधारा से बाहर पाए गए। इनमें 15 लड़के और 21 लड़कियां शामिल हैं। इसके अलावा 39 प्रवासी बच्चे भी चिन्हित हुए, लेकिन वे सभी स्कूल में नामांकित पाए गए।
अभियान के दौरान सामने आए 36 बच्चों में से 35 को स्कूल में दाखिला दिलाया गया है, जबकि एक बच्चा प्रवास के कारण जिले से बाहर चला गया। उसके माता-पिता से शिक्षा गारंटी पत्र भरवाया गया है।
शाला से वंचित बच्चों की सर्वाधिक संख्या भंडारा तहसील में दर्ज हुई। अन्य किसी तहसील में यह आंकड़ा शून्य है। ई-1 श्रेणी (कभी स्कूल न गए) में 4 लड़के और 7 लड़कियां यानी कुल 11 बच्चे पाए गए। ई-2 श्रेणी (एक माह या उससे अधिक अनियमित) में 11 लड़के और 13 लड़कियां यानी कुल 24 बच्चे सामने आए। सभी 35 बच्चों को स्कूल में दाखिल कर लिया गया है।
भंडारा मुख्यालय होने के कारण यहां रोज़गार की तलाश में अन्य जिलों व राज्यों से मज़दूर वर्ग बड़ी संख्या में आते है। इनमें से कई घुमंतू समुदायों के परिवार हैं, जिनके बच्चे स्कूल में नाम लिखाने के बाद भी नियमित पढ़ाई से दूर रहते हैं। अभियान के दौरान रस्ता निर्माण कार्य पर लगे प्रवासी मजदूरों के बच्चों को खोजकर स्कूल में लाने का काम किया गया। सभी माता-पिता से बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए गारंटीपत्र भी भरवाया गया।
3 से 18 वर्ष के बच्चों का यह सर्वेक्षण जिला, तहसील, केंद्र और गांव स्तर पर किया गया। बस अड्डे, रेलवे स्टेशन, फुटपाथ, होटल, बाजार, ईंटभट्टी, खदान, शुगर फैक्ट्री और अन्य जगहों पर भी विशेष खोज अभियान चलाया गया। इस सर्वेक्षण में राजस्व, ग्रामविकास, सामाजिक न्याय, महिला एवं बालविकास, श्रम आयुक्तालय, आदिवासी विभाग, स्वास्थ्य, गृह व शिक्षा विभाग समेत कई शासकीय विभागों और स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग रहा।
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सर्वेक्षण में सामने आई एक चौंकाने वाली घटना ने शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। सत्र 2024-25 की फीस न चुकाने के कारण एक विद्यार्थी को ई-2 श्रेणी में स्कूल से बाहर दिखाया गया है। स्कूल ने उसे प्रवेश देने से इंकार कर दिया। शिक्षा अधिकार कानून (आरटीई) के अनुसार किसी भी बच्चे को शिक्षा से वंचित नहीं किया जा सकता। ऐसे में शिक्षा विभाग इस मामले पर क्या रुख अपनाता है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।