एक ही नंबर के दो आधार कार्ड (फोटो नवभारत)
Duplicate Aadhaar Number Case: सरकार ने आधार कार्ड को नागरिक की सबसे महत्वपूर्ण और विश्वसनीय पहचान के रूप में स्थापित किया है। आज बैंक खातों से लेकर सरकारी योजनाओं का लाभ लेने तक, हर जगह आधार कार्ड अनिवार्य है। लेकिन साकोली तहसील के वांगी गांव में एक ऐसा अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जिसने आधार की विश्वसनीयता पर ही एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगा दिया है। यहां दो अलग-अलग व्यक्तियों के पास एक ही आधार नंबर वाला पहचान पत्र मिला है, जिससे गांव में हड़कंप मच गया है।
यह चौंकाने वाला मामला तब सामने आया, जब गांव के कुछ नागरिक सरकारी कामकाज और विभिन्न योजनाओं के लिए अपने दस्तावेज तैयार करवा रहे थे। जांच में पता चला कि ललित शामराव कुंभरे और लतीश कृष्णा हातझाडे नामक दो व्यक्तियों के आधार कार्ड पर एक ही नंबर 519060717384 दर्ज है। यह एक गंभीर त्रुटि है, क्योंकि आधार नंबर हर नागरिक के लिए अद्वितीय और अलग होना चाहिए। इस तरह की लापरवाही ने न सिर्फ गांव के लोगों को हैरान कर दिया है, बल्कि आधार प्रणाली की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
आधार कार्ड का उपयोग सरकारी योजनाओं, बैंकिंग सेवाओं, पेंशन, छात्रवृत्ति, राशन वितरण और अन्य सभी महत्वपूर्ण सेवाओं में होता है। ऐसे में दो व्यक्तियों के पास एक ही आधार नंबर होने से गंभीर भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। यदि दोनों व्यक्ति एक ही नंबर का उपयोग करते हैं, तो लेन-देन और सरकारी लाभों के वितरण में भारी गड़बड़ी हो सकती है। यह संभव है कि डेटा में त्रुटि के कारण किसी एक लाभार्थी को योजना का लाभ ही न मिल पाए।
गांव के लोगों का मानना है कि यह लापरवाही आधार पंजीकरण और सुधार केंद्रों पर कर्मचारियों की असावधानी के कारण हुई है। इन केंद्रों पर अत्यधिक भीड़ और काम का दबाव रहता है, और अगर विवरणों की सही ढंग से जांच न की जाए तो इस तरह की गलतियां हो सकती हैं। यह मामला दिखाता है कि आधार पंजीकरण प्रक्रिया में अभी भी कई खामियां हैं, जिन्हें तुरंत दूर करने की जरूरत है।
इस गंभीर गलती के कारण संबंधित व्यक्तियों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। वांगी गांव के नागरिकों और आधार कार्ड धारकों ने इस मामले को अत्यंत गंभीर बताया है। उनका कहना है कि अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो दोनों व्यक्तियों को भविष्य में सरकारी सुविधाओं और वित्तीय सेवाओं का लाभ लेने में भारी परेशानी हो सकती है।
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उन्होंने मांग की है कि इस मामले की तत्काल जांच की जाए और संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए। इसके साथ ही, आधार पंजीकरण केंद्रों पर सतर्कता बढ़ाने और तकनीकी त्रुटियों को दूर करने की भी मांग की गई है ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही दोबारा न हो।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर विभाग ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया तो वे उच्च स्तर पर शिकायत दर्ज कराएंगे और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करेंगे।
यह घटना न सिर्फ वांगी गांव तक सीमित है, बल्कि यह पूरे देश में आधार प्रणाली के लिए एक चेतावनी है। सरकार और संबंधित एजेंसियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि हर नागरिक का डेटा सुरक्षित और अद्वितीय रहे। इस तरह की गलतियां आधार के प्रति लोगों के विश्वास को कमजोर कर सकती हैं, जो कि एक बड़ी समस्या है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले पर कितनी जल्दी और कितनी गंभीरता से कार्रवाई करता है।