मृतक लड़की की मां ने एकनाथ शिंदे को लिखा पत्र (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: ‘लाडली बहनों’ के वोट की बदौलत सत्ता में आई बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट) व एनसीपी (अजित पवार) के गठबंधन वाली महायुति सरकार के शासनकाल में महिलाओं की सुरक्षा पर बार-बार सवाल खड़े करनेवाली घटनाएं घट रही हैं। ताजा मामला सरपंच संतोष देशमुख की नृशंस हत्या के कारण सुर्खियों में आए बीड जिले से सामने आया है, जहां मनचलों की प्रताड़ना और धमकियों से परेशान कॉलेज छात्रा ने मौत को गले लगा लिया।
एयर होस्टेस बनने का सपना देखने वाली साक्षी कांबले नामक मृतका की मां ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिख कर अपनी बेटी की मौत के जिम्मेदार मनचले युवकों को कड़ी सजा दिलाने की गुहार लगाई है। अपनी बेटी की मौत से मां ने अब कठोर सजा की मांग की है।
साक्षी की मां का आरोप है कि बीड जिले में अभिषेक कदम और उसके 10 से 12 दोस्त कॉलेज में पढ़नेवाली छात्राओं से दोस्ती करते हैं। बाद में उनके साथ खींची गई तस्वीरों से छेड़छाड़ करके उन्हें ब्लैकमेल करते हैं। साक्षी भी इस गिरोह का शिकार बन गई थी। प्रताड़ना से परेशान साक्षी ने करीब महीने भर पहले धाराशिव जिला निवासी अपने मामा के घर में फांसी के फंदे से लटक कर खुदकुशी कर ली थी। मामले में धाराशिव पुलिस ने अभिषेक को गिरफ्तार भी किया था लेकिन कोर्ट से उसे जमानत मिल गई।
अब साक्षी की मां कोयना विटेकर ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर इंसाफ दिलाने की मांग की है। उक्त पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। पत्र में कोयना ने आरोप लगाया है कि आरोपी अभिषेक की बहन पुलिसकर्मी है, इसलिए धाराशिव पुलिस ने हल्की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। पुलिस ने अभिषेक के वाट्सऐप चैट की जांच ही नहीं की। नहीं तो उसकी शिकार बन रही कई और पीड़िताओं की जानकारी सामने आ जाती।
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कोयना का आरोप है कि पुलिस उप अधीक्षक स्वप्नील राठोड ने उनकी फरियाद सुनने की बजाय अपमान बर्ताव किया। कोयना ने विश्वास व्यक्त किया कि यदि गृह मंत्रालय डीसीएम शिंदे के पास होता तो अभिषेक और उसके साथी आज जेल में होते। उन्होंने डीसीएम शिंदे से मामले की जांच के बाद अभिषेक के खिलाफ मकोका के तहत कार्रवाई की मांग की है।