परभणी में सर्वदलीय मार्च निकाला गया। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
छत्रपति संभाजीनगर: बीड का हाईप्रोफाइल सरपंच हत्या मामला लगातार चर्चा में बना हुआ है। वाल्मीक कराड के सरेंडर करने और मामले की जांच सीआईडी को सौपे जाने के बाद भी जनता और विपक्ष सरकार को घेरे हुए है। जनता और विपक्ष बीड के सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड मामले की जल्द और निपक्ष जांच चाहती है। सरपंच हत्याकांड मामले में न्याय की मांग करते हुए लगातार आंदोलन, प्रदर्शन किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में परभणी शहर में सर्वदलीय मार्च निकालकर सरकार का ध्यान आकर्षित किया गया।
बीड में सरपंच संतोष देशमुख की हत्या मामले की गहन जांच की मांग को लेकर शनिवार को महाराष्ट्र के परभणी शहर में एक सर्वदलीय मार्च निकाला गया। नूतन कॉलेज मैदान से शुरू हुआ यह मार्च शिवाजी महाराज की प्रतिमा के निकट तक किया गया। इस वक्त जोरदार घोषनाए देते हुए सरपंच हत्याकांड में निपक्ष जांच की मांग की गई। बता दें कि बीड जिले में केज तहसील स्थित मसाजोग गांव के सरपंच देशमुख को अगवा कर लिया गया था और 9 दिसंबर को उनकी हत्या कर दी गई थी। बता दें कि पुलिस ने अब तक हत्या के मामले में शामिल 7 लोगों को गिरफ्तार किया है।
देशमुख की हत्या से जुड़े जबरन वसूली मामले में उनके करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड की गिरफ्तारी के बाद विपक्ष ने महाराष्ट्र के मंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता धनंजय मुंडे के इस्तीफे की मांग की है। विपक्षी दल शिवसेना (उबाठा) और सत्तारूढ़ राकांपा के जन प्रतिनिधि, मराठा आरक्षण नेता मनोज जरांगे और संतोष देशमुख के परिवार के सदस्य मार्च में शामिल हुए।
मार्च में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए जरांगे ने कहा, “लोगों को देशमुख परिवार के साथ तब तक मजबूती से खड़ा रहना चाहिए, जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता। जबरन वसूली और हत्या, दोनों मामलों में आरोपी एक ही हैं और मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूं कि उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाए। जिन लोगों ने आरोपियों की मदद की है, उन्हें भी पकड़ा जाना चाहिए।”
राकांपा (एसपी) के विधायक संदीप क्षीरसागर ने कहा कि विपक्ष की केवल तीन मांगें हैं – मामले की सुनवाई त्वरित अदालत में हो, मुकदमा जारी रहने तक मुंडे को मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए और दोषियों को मौत की सजा दी जानी चाहिए। शिवसेना (उबाठा) सांसद संजय जाधव ने कहा कि आरोपपत्र को मजबूत बनाया जाना चाहिए ताकि आरोपी रिहा न हो सकें। उन्होंने कहा, “सरकार को इस मामले को हल्के में नहीं लेना चाहिए। किसी राजनीतिक दबाव के कारण आरोपपत्र में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए।
पैसे के लालच में इंसानियत खो चुके लोगों को सबक सिखाया जाना चाहिए। इसलिए आरोपपत्र मजबूत होना चाहिए।” जाधव ने मुंडे से नैतिक आधार पर इस्तीफा देने की भी मांग की। भाजपा विधायक सुरेश धस ने आरोपियों के खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण (मकोका) कानून के तहत कठोर कार्रवाई की मांग की।
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बता दें कि बीड जिले में केज तहसील स्थित मसाजोग गांव के सरपंच देशमुख को अगवा कर लिया गया और 9 दिसंबर को उनकी हत्या कर दी गई थी। एक पवन चक्की कंपनी से कुछ लोगों द्वारा जबरन वसूली किए जाने का कथित तौर पर विरोध करने को लेकर देशमुख की हत्या की गई। कराड ने जबरन वसूली के मामले के सिलसिले में 31 दिसंबर को राज्य के अपराध अन्वेषण विभाग यानी सीआईडी के समक्ष पुणे में आत्मसमर्पण किया था। हत्या के मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। शिवसेना (उबाठा) नेता अंबादास दानवे ने सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड की जांच में सामने आ रहे तथ्यों का महाराष्ट्र सीआईडी से खुलासा करने की मांग हाल ही में की है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)