
(प्रतीकात्मक तस्वीर)
 
    
 
    
Chhatrapati Sambhajinagar News In Hindi: बीड़ जिले में पुलिस अधिकारियों की वर्दी पर लगी नेम प्लेट से उपनाम हटाने के फैसले ने पूरे राज्य में ध्यान आकर्षित किया है। अब संकेत मिल रहे हैं कि छत्रपति संभाजी नगर शहर पुलिस बल में भी इस फैसले का पालन किया जा रहा है।
कुछ बरिष्ठ अधिकारियों और पुलिसकर्मियों ने अपनी वर्दी पर लगी नेम प्लेट से उपनाम हटा लिए हैं, और इस कदम ने ख़ासा ध्यान खींचा है। कुछ समय पहले, बीड में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान सोशल मीडिया पर अधिकारियों की जाति-आधारित सूची प्रसारित हुई थी।
उसके बाद, बीड जिले में हुए संतोष देशमुख हत्याकांड के बाद, पुलिस विभाग में भी जाति-आधारित नियुक्तियों को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हुआ था। इस विवाद की पृष्ठभूमि में, बीड के एसपी नवनीत कावत ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी कर बीड जिले के सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की वर्दी और कार्यालय नेम प्लेट से उपनाम हटाने का निर्णय लिया था।
इस पृष्ठभूमि में, छत्रपति संभाजी नगर शहर पुलिस बल के कुछ अधिकारियों ने भी अपने नेम प्लेट से उपनाम हटा दिए हैं, हालांकि इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं हुआ है, फिर भी कुछ अधिकारियों ने वाक्तिगत निर्णय के तहत उपनाम मुक्त नेम प्लेट का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।
कर्मचारियों का मानना है कि नेम प्लेट पर उपनाम से किसी व्यक्ति की जाति या धर्म आसानी से पहचानी जा सकती है, जिससे ‘अपना’ और दूसरा’ का भाव पैदा होने की संभावना बढ़ जाती है। कुछ कर्मचारियों के अनुसार, ऐसी पहचानों का नियुक्ति और स्थानांतरण प्रक्रिया पर भी सूक्ष्म प्रभाव पड़ता है, इसलिए, उपनाम रहित नेम प्लेट का प्रसार पुलिस बल में एकता और निष्पक्षता बढ़ाने के लिए एक स्वागत योग्य कदम माना जा रहा है।
बीड जिले में कार्यरत कुछ अधिकारी वर्तमान में छत्रपति संभाजी नगर शहर पुलिस आयुक्तालय के विभिन्न थानों में तैनात है। कुछ कर्मचारियों की नेम प्लेट पर उपनाम भी दिखाई नहीं दे रहे है। ऐसे में शहर में बीड मॉडल की नकल किए जाने की चर्चा है।
यह कदम जातिगत पहचान को मिटाने और पुलिस बल में समानता तथा निष्पक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया था। हालांकि इस फैसले का राज्यभर में व्यापक स्वागत हुआ, लेकिन कुछ लोगों ने यह सवाल भी उठाया कि क्या सिर्फ उपनाम हटाने से जातिवाद खत्म हो जाएगा।
66 मैंने निजी निर्णय लेते हुए नेम प्लेट से उपनाम हटा दिया है। मैं अपनी इच्छा अनुसार इसका पालन कर रहा हूं।
– प्रशांत स्वामी, डीसीपी
ये भी पढ़ें :- Fraud: रायपुर से संभाजीनगर शिफ्ट हुआ था फर्जी कॉल सेंटर, अब जांच में नया मोड़
बीड जिले में कार्यरत कुछ अधिकारी वर्तमान में छत्रपति संभाजी नगर शहर पुलिस आयुक्तालय के विभिन्न थानों में तैनात है। कुछ कर्मचारियों की नेम प्लेट पर उपनाम भी दिखाई नहीं दे रहे हैं। ऐसे में शहर में बीड मॉडल की नकल किए जाने की चर्चा है।






