फूलों का बाजार (सौ. सोशल मीडिया )
Chhatrapati Sambhaji Nagar News In Hindi: बाढ़ ने फूलों की खेती करने वाले किसानों के सपने तोड़ दिए हैं। सुर्ख गुलाब का रंग फीका पड़ गया है, गेंदा और गुलदावदी ने भी खुद को मुरझाया सा मान लिया है। टेंगरी, बेला और कुंद की बगिया भी वीरान सी है।
बारिश और बाढ़ के चलते फूलों में बड़े पैमाने पर कीड़े लग गए हैं। गेंदे के फूल मुरझा से गए हैं। बारिश के चलते हजारा गेंदा के फूलों के रंग फीके और दीना व तुलसी की पत्तियां काली हो गई हैं। बता दें कि कई उलाकों में फूलों की खेती होती है। कहीं गुलाब, बेला, चमेली तो कहीं ग्लेडुलस, रजनीगंधा और जरबेरा से लकदक खेत देखकर हर कोई मोहित हो जाता है।
सीजन चाहे जो भी हो, सर्वाधिक डिमांड गेंदा और गुलाब की होती है। भारी बारिश और ओलावृष्टि के साथ गेंदे के फूल भी प्रभावित हुए हैं। हालांकि इस साल शहर के मुख्य मार्गों और फुटपाथों पर गेंदे के फूल बिक रहे हैं, लेकिन उनकी गुणवत्ता बारिश के कारण फीकी पड़ गई है। अर्थात गेंदे के ये पीले व लाल फूल काले पड़ गए हैं।
किसानों ने विजयादशमी के लिए उत्पादित फुलों को छत्रपति संभाजीनगर में लाए थे। हालांकि गेंदे की माला और फूल 100 रुपए प्रति किलो चिक्री के लिए हैं। लेकिन ग्राहकों को उनकी मांग के अनुसार आधा किलो या पाव किलो फूल बेचे जा रहे हैं।
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नवरात्र में देवी माता की गेंदा और शेवंती के फूल चढ़ाए जाते हैं। दशहरे में उनकी मालाएं दरवाजों और गाड़ियों पर लगाई जाती हैं। इसलिए इन फूलों की खरीदारी जल्दी हो जाती है। लेकिन इस साल बारिश से खराब हुए गेंदे के फूल किसानों को निराश कर रहे हैं। किसान पवन सानप ने बताया कि इस साल आसमान से करारी हार हुई है, खिले हुए गेंदे के फूल तोड़ने से पहले ही पानी से काले पड़ गए हैं। हम 15 बोरियों में 5 क्विंटल अच्छा माल लाए हैं। हालांकि ये बोरियां 1500 रुपए की हैं, लेकिन असल में भारी बारिश से धंधा पूरी तरह बर्बाद हो गया है।